India US Trade Deal: इन दिनों टैरिफ वॉर चर्चा में है। लेकिन इन सबके बीच अमेरिका ने भारत पर एक बड़ा आरोप लगाया है। इसमें अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के एक शीर्ष सहयोगी ने रूसी तेल खरीदने के लिए भारत की आलोचना की और यूक्रेन में रूस के युद्ध को अप्रत्यक्ष रूप से वित्तपोषित करने का आरोप लगाया। इससे देश-दुनिया में चर्चा का माहौल गरमा गया है। वहीं, सोशल मीडिया पर कई भारतीय पत्रकारों ने अमेरिका के इस बयान पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है।
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, India US Trade Deal को लेकर जारी बयानबाजी के बीच व्हाइट हाउस में डिप्टी चीफ ऑफ स्टाफ और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सबसे प्रभावशाली सहयोगियों में से एक स्टीफन मिलर ने रविवार को एक नए विवाद को हवा दे दी, जिसमें उन्होंने कहा कि मॉस्को से तेल खरीदकर भारत यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में रूस की प्रभावी रूप से आर्थिक मदद कर रहा है। मिलर ने ‘फॉक्स न्यूज’ पर बात करते हुए कहा, “लोगों को यह जानकर आश्चर्य होगा कि रूसी तेल खरीदने के मामले में भारत मूल रूप से चीन के साथ है। यह एक आश्चर्यजनक तथ्य है।” वह आगे कहते हैं कि, ”उन्होंने (ट्रंप ने) बहुत स्पष्ट रूप से कहा है कि भारत द्वारा रूस से तेल खरीदकर इस युद्ध में आर्थिक मदद करना स्वीकार्य नहीं है।”
भारतीय पत्रकारों ने अमेरिका को बेनकाब किया
समाचार एजेंसी एएनआई की संपादक स्मिता प्रकाश ने मिलर के बयानों का वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया और कैप्शन में लिखा, “व्हाइट हाउस के डिप्टी चीफ ऑफ स्टाफ भारत को उत्तर कोरियाई शासन के रूप में चित्रित कर रहे हैं। भारत पर युद्ध के लिए आंशिक रूप से धन मुहैया कराने, आव्रजन धोखाधड़ी और कई अन्य चीजों का आरोप लगा रहे हैं। India-US Relations को देखने का यह कितना अदूरदर्शी तरीका है!”
नेटवर्क 18 के सलाहकार संपादक राहुल शिवशंकर ने एक्स पर लिखा, “भारत रूस के युद्ध को वित्तपोषित कर रहा है”: ट्रंप के शीर्ष सहयोगी। लेकिन: + यूएसटीआर के अनुसार, 2024 में रूस से अमेरिका का आयात 3 अरब डॉलर था। + 2024: यूरोपीय संघ और रूस के बीच कुल व्यापार = €67.5 अरब। और ट्रंप ने यूरोपीय संघ के लिए 15% टैरिफ तय कर दिए हैं! हमें ट्रंप के अमेरिका के बारे में सच्चाई समझनी होगी।”