MP News: मध्यप्रदेश के मुरैना जिले में शिक्षकों को लेकर एक नया मामला सामने आया है, जिसमें कई शिक्षकों ने अपने फर्जी दिव्यागंत प्रमाण पत्र बनाकर सरकारी स्कूलों में नौकरी कर रहे हैं। जब से इस मामले पर पुलिस के द्वारा ज्यादा सख्ती से कारवाई की जाने लगी , तब से शिक्षा विभाग में हडकंप से मच गया है। फिलहाल जिला शिक्षा अधिकारी एके पाठक के द्वारा पुलिस को इस मामले के बारे में जानकारी देने के बाद से 77 शिक्षकों के ऊपर सख्त कारवाई की जा रही है। साथ में उनकी नौकरी जाने की बात पर भी विचार किया जा रहा है।
क्या था पूरा मामला
दरअसल शिक्षा विभाग के द्वारा प्राथमिक शिक्षक पात्रता एग्जाम का आयोजन किया गया था जिसमें से दिव्याग उम्मीदवारों के लिए कुल 740 सीटों को आरक्षित किया गया था। लेकिन कई उम्मीदवारों ने इस वर्ग से नौकरी पाने के लिए अपने फर्जी दिव्यांग प्रमाण पत्र बनवाकर नौकरी हासिल की थी। इस श्रेणी से नौकरी हासिल करने में कुल 450 उम्मीदवार केवल मुरैना क्षेत्र से थे। इस मामले की शिकायत निशक्तजंन कल्याण डिपार्मेट में हेमंत कुशवाह के द्वारा की गई थी , जो कि दिव्यांग संघ के राज्य प्रभारी है। उनका कहना है कि जो मुरैना जिले से 450 उम्मीदवारों में से कुछ ने नकली प्रमाण-पत्र की मदद से इस शिक्षा विभाग में नौकरी हासिल की हैं।
शिक्षा संचालन के द्वारा मामले की जांच के लिए आदेश किया जारी
जब से निशक्तजंन विभाग के पास यह मामला आया , तो उसके बाद शिक्षा संचालन के इस घटना की पूरी अच्छी तरह से जांच करने के आदेश दिए हैं। मामले की जांच करते वक्त अभी तक 77 टीचर्स के नकली प्रमाण पत्र की जानकारी सामने आई हैं। फर्जी सर्टिफिकेट होने की वजह से उन 77 आरोपी शिक्षकों को नौकरी छोड़ने के आदेश भी जारी कर दिए गए हैं। पुलिस थाने में उनके खिलाफ शिक्षा विभाग के तरफ से एफआईआर भी दर्ज कराई गई है।
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