शनि देव की आरती

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जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी। सूर्य पुत्र प्रभु छाया महतारी॥

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जय जय श्री शनि देव.... श्याम अंग वक्र-दृष्टि चतुर्भुजा धारी। नीलाम्बर धार नाथ गज की असवारी॥

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जय जय श्री शनि देव.... क्रीट मुकुट शीश राजित दिपत है लिलारी।मुक्तन की माला गले शोभित बलिहारी॥

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जय जय श्री शनि देव.... जय जय श्री शनि देव.... देव दनुज ऋषि मुनि सुमिरत नर नारी। विश्वनाथ धरत ध्यान शरण हैं तुम्हारी॥

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जय जय श्री शनि देव भक्तन हितकारी।। जय जय श्री शनि देव....

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शनिवार का दिन शनि देव को समर्पित है। इस दिन विधि-विधान से शनि महाराज की पूजा की जाती है। शनि देव की पूजा-अर्चना करने से शनि देव की विशेष कृपा प्राप्त होती है। कहा जाता है कि शनि देव के अशुभ प्रभावों से व्यक्ति को जीवन में कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। 

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 वहीं यदि शनि देव किसी पर प्रसन्न हो जाएं तो उनके शुभ प्रभावों से व्यक्ति को जीवन में सभी तरह के सुखों की प्राप्ति होती है। ऐसे में शनि देव को प्रसन्न करने के लिए और उनकी कृपा पाने के लिए प्रत्येक शनिवार के दिन पूजा के साथ ही शनि देव की आरती भी करनी चाहिए। 

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शनि देव की आरती करने से घर में सुख-समृद्धि आती है। यहां शनि देव की आरती जिसकी मदद से आप पूजा के दौरान आरती पढ़ सकते हैं...

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शनि देव को प्रसन्न करने के लिए और उनकी कृपा पाने के लिए प्रत्येक शनिवार के दिन पूजा के साथ ही शनि देव की आरती भी करनी चाहिए। शनि देव की आरती करने से घर में सुख-समृद्धि आती है।

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महालक्ष्मी जी की आरती….

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