Author : Anshika Shukla Date : 11-01-2024
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माना जाता है कि इस हथियार का प्रयोग महाभारत और रामायण काल में दोनों में किया गया था। वहीं इसी हथियार से भगवान शिव ने अपने पुत्र गणेश का सर भूलवश धड़ से अलग कर दिया था।
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प्राचीन कथाओं के अनुसार सुदर्शन चक्र को ब्रहमांड के सबसे शक्तिशाली हथियारों में से एक कहा जाता है। यह भगवान विष्णु की तर्जनी अंगुली में रहता है।
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त्रिशूल की तरह पाशुपतास्त्र भी भगवान शिव का ही अस्त्र है। यह हथियार अविश्वसनीय रूप से बहुत विनाशकारी माना जाता है। भगवान शिव ने पाशुपतास्त्र को महाभारत के नायक अर्जुन को दिया थ।
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ब्रह्मास्त्र, भगवान ब्रह्मा द्वारा बनाया गया हथियार है। एक बार महाभारत के युद्ध के दौरान अर्जुन और अश्वत्थामा दोनों ने अपने-अपने ब्रह्मास्त्र को अपने तीर से छोड़ दिया था, जिसके कारण सब कुछ नष्ट होने वाला था।
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ब्रह्मशिरा भी भगवान ब्रह्मा के द्वारा बनाया गया हथियार है। ऐसा माना जाता है कि ब्रह्मशिरा, ब्रह्मास्त्र से चार गुना अधिक शक्तिशाली था। महाभारत युग में परशुराम, भीष्म, द्रोण, कर्ण, अश्वत्थामा और अर्जुन को इस हथियार को चलाने का ज्ञान प्राप्त था।
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नारायणास्त्र भगवान विष्णु का ही एक प्रमुख हथियार है। महाभारत युद्ध के दौरान अश्वत्थामा ने पांडव की सेनाओं पर इस हथियार का उपयोग किया था।
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महाभारत युद्ध में कौरवों और पांडव दोनों ही बहुत शक्तिशाली थे, जिसमें कर्ण वज्र से अर्जुन को मारना चाहता था।
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ह देवताओं के राजा इंद्र देव का अस्त्र था यह बहुत खतरनाक अस्त्र था। इसका प्रहार अचूक होता था।
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यह मंत्र शक्ति से तैयार एक ऐसा बाण था जो धमाके के साथ आग बरसाता था और अपने लक्ष्य को जलाकर राख कर देता था।
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मंत्र शक्ति से सधे इस बाण से बिना मौसम बादल पैदा होते थे भारी बारिश होती और बिजली कड़कती थी।