Author : Anshika Shukla Date : 22-01-2024
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अयोध्या में आज यानी 22 जनवरी को भव्य राम मंदिर का उद्घाटन किया गया।
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500 साल के लम्बे इंतेज़ार के बाद आज अयोध्या में भव्य राम मंदिर में रामलला विराजे।
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22 जनवरी को पीएम नरेंद्र मोदी ने रामलला की मूर्ती की श्यामल पथ्तर की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा की।
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जहां राम का नाम आता है, वहां रामराज्य का भी जिक्र होता है। रामराज्य को शासन की सबसे आदर्श व्यवस्था के तौर पर देखा जाता है। चलिए, जानते हैं कि रामराज्य क्या है और इसकी परिकल्पना कैसी है?
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अवध के राजा राम के राज में सभी लोग सुखी थे, कोई दुःखी नहीं था। एक पंक्ति में राम का राज यानी रामराज्य इसे ही कहा जाता है।
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माना जाता है कि राम के राज में किसान, व्यापारी, मजदूर और महिलाओं समेत सभी सुखी थे, इन्हें किसी चीज की तकलीफ या समस्या नहीं थी।
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तुलसीदास ने रामराज्य की परिकल्पना की है, उनके अनुसार, रामराज्य वही है जिसमें हर व्यक्ति, नर-नारी अहंकार, दंभ छल और कपट से मुक्त हैं। सभी एक-दूसरे का आदर करते हैं।
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भारत के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी भी रामराज्य की परिकल्पना की थी। उनका मानना था कि रामराज्य में लोकतंत्र हुआ करता था जो राजा और निर्धन दोनों के लिए एक जैसे अधिकार सुनिश्चित करता है।