'‘बफे सिस्टम’ का इतिहास ऐसे पहुंचा भारत 

'‘बफे सिस्टम’ का इतिहास ऐसे पहुंचा भारत 

Author : Anshika Shukla Date : 30-01-2024

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16 वीं शताब्दी

16 वीं शताब्दी में नॉर्वे के शाही लोगों के सामूहिक दावत की शुरुआत की जिसे बफ़े कहा गया।

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पसंदीदा खाना

बफ़े में खाने को ख़ास ढंग से सजाकर रखा गया, साथ ही इसमें मेहमान अपनी पसंद का आइटम लेकर कहा सकते थे।

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लंगर

उसी दौरान भारत में पंजाब में गुरु नानक ने ग़रीबों को सामूहिक भोजन खिलाना शुरू किया जिसे लंगर नाम दिया गया।

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शादियों का हिस्सा

लगभग 500 साल के अंदर लंगर दुनिया में प्रचलित हो गया तो वही बफ़े उत्तर भारत की शादियों का हिस्सा बन गया।

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ऐसे पहुँचा भारत

नॉर्वे का बफ़े सिस्टम घूमते घूमते भारत पहुँच गया।

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फ़्रांस से हुई शुरुआत

फ़्रांस के कई शहरों में बफ़े सिस्टम की परंपरा पहुँची और हाई क्लास को ये पसन्द आई।

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उपनिवेश काल

उपनिवेश काल में दवात का ये तरीक़ा यानी बफ़े सिस्टम दुनियाभर में लोकप्रिय हो गया।

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भारत में लोकप्रिय

फिर धीरे धीरे आज़ाद भारत की उत्तर भारतीय शादियों में बफ़े लोकप्रिय बन गया।

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