Author- DNP NEWS DESK 11/04/2024
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देवी दुर्गा ने नौ दिनों के युद्ध के बाद दसवें दिन यानी विजयदशमी के दिन महिषासुर का संहार किया था, विजय के प्रतीक के लिए हम इस दिन अस्त्रों की पूजा करते है।
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पौराणिक मान्यता के अनुसार इस दिन, भगवान श्री राम ने लंका में रावण का वध किया था, इसलिए हम अस्त्र को पूजते है।
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अस्त्रो की पूजा करने से भक्तों को सुख-शांति,समृद्धि की प्राप्ति होती है।
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शुभ कार्य की सफलता तथा पारिवारिक समृद्धि के लिए अस्त्रों को पूजा जाता हैं।
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अस्त्रो की पूजा करने से दुश्मनों पर विजय प्राप्ति का वरदान मिलता हैं।
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अस्त्रों की पूजा आम आदमी से लेकर हमारी भारतीय सेना तक करती हैं,जिससे उनके बल और बुद्धि में और भी ज्यादा वृद्धि हो सकें।
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नवरात्रि में अस्त्रो की पूजा, राजा-महाराजा के दौर से ही चली आ रही है, वे अपने सभी अस्त्र को देवी दुर्गा के चरणों में चढ़ाया करते थें।
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नवरात्रि में अस्त्रों की पूजा करने से माँ दुर्गा प्रसन्न होती हैं और भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं।
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अपने मन को अटल,मज़बूत बनाने के लिए यह पूजा की जाती हैं।
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नवरात्रि में अस्त्रों की पूजा करने से रोगी को लाभ होता है और पीड़ित को आशीर्वाद मिलता हैं।
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नवरात्रि में अस्त्रों की पूजा करने से भक्त के गुणों में वृद्धि होती है।
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