Author: SUNIL PODDAR Date: 12/04/2024
Image Credit- Google
Credit-Google Images
माँ कूष्मांडा की महिमा अद्वितीय है. इनकी उपासना शांत मन से और मधुर ध्वनि के साथ करनी चाहिए
Credit-Google Images
माँ कूष्मांडा की पूजा से अजेय रहने का वरदान मिलता है. कहते हैं जब संसार में चारों ओर अंधियारा छाया था,
Credit-Google Images
तब माँ कूष्मांडा ने ही अपनी मधुर मुस्कान से ब्रह्मांड की रचना की थी.
Credit-Google Images
आज है चैत्र नवरात्रि का चौथा दिन है. इस दिन नवदुर्गा के चौथे स्वरूप माता कूष्मांडा की उपासना की जाती है.
Credit-Google Images
देवी ने अपनी मंद मुस्कुराहट और अपने उदर से इस ब्रह्मांड को उत्पन्न किया था जिसके चलते इन्हें कूष्मांडा देवी के नाम से जाना जाता है.
Credit-Google Images
उपासना शांत मन के साथ करनी चाहिए. मां कूष्मांडा की पूजा से अजेय रहने का वरदान मिलता है.
Credit-Google Images
जब संसार में चारों ओर अंधियारा छाया था, तब मां कूष्मांडा ने ही अपनी मधुर मुस्कान से ब्रह्मांड की रचना की थी
Credit-Google Images
देवी भगवती के कूष्मांडा स्वरूप ने अपनी मंद मुस्कुराहट से ही सृष्टि की रचना की थी इसलिए देवी को सृष्टि की आदि स्वरूपा और आदि शक्ति माना गया है.
Credit-Google Images
माता रानी की आठ भुजाएं हैं जिसमें से सात में उन्होंने कमंडल, धनुष, बाण, कमल का फूल, अमृत का कलश, चक्र, और गदा लिया हुआ है.
Credit-Google Images
नवरात्रि के चौथे दिन मा कूष्मांडा की पूजा करें. उन्हें भोजन में दही और हलवा का भोग लगाएं