Author- DNP NEWS DESK 08/05/2024
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थैलेसीमिया ब्लड से जुड़ी एक जेनेटिक बीमारी है और इस बीमारी से शिकार लोगों के शरीर में हीमोग्लोबिन बनना बंद हो जाता हैं।
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थैलेसीमिया एक ब्लड की बिमारी है जो ज्यादातर बच्चे को अपने मां-बाप से मिलता है तथा इस बिमारी का सही से इलाज नहीं होने पर व्यक्ति की जान भी जा सकती है। इस बीमारी के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ाना ही वर्ल्ड थैलेसीमिया डे मनाने का मुख्य उद्देश्य है।।
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वर्ल्ड थैलेसीमिया डे की शुरुआत 1994 में थैलेसीमिया इंटरनेशनल फेडरेशन ने की थी और उन्होंने इसी वर्ष 8 मई के दिन थैलेसीमिया के पेशेंट्स के संघर्ष के बारे में बताने की कोशिश की थी। और इसी तरह हर वर्ष थैलेसीमिया डे मनाया जाता है।
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थैलेसीमिया के लक्षण सांस लेने में तकलीफ़, त्वचा का पीला पड़ना, थकान और बेचैनी महसूस होना जैसे हो सकते है।
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थैलेसीमिया के पेशेंट्स को चना, बैंगन, फास्ट फूड, उड़द, और ज्यादा मात्रा में नमक वाली चीज़े नहीं खाना चाहिए।
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थैलेसेमिया के पेशेंट्स को शकरकंद, सोया उत्पाद, मटर के दाने, नट्स और अंडा का सेवन करना चाहिए।
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गिलोय खाने से थैलेसीमिया का खतरा कम हो सकता है क्योकि इसमें रोग प्रतिरोधक ताकत पाई जाती है।
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वर्ल्ड थैलेसीमिया डे के दिन लोगों को इस रोग के प्रति जागरूक किया जाता है और इसके उपचार के बारे में भी बताया जाता है।
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