Author- Afsana 29/05/2024
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चाणक्य ने अपनी नीति में सच्चे मित्र की कुछ खास पहचान बताई है, जिससे आप भी अपने सच्चे दोस्त को परख सकते हैं।
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सच्चे मित्र के बारे में चाणक्य अपनी नीति में बताते हैं की आपका सच्चा मित्र वो है जो आपके धनवान होने के साथ ही धनहीन होने पर भी आपके साथ रहे और आपकी मदद करे, वही सच्चा मित्र होता है।
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चाणक्य कहते हैं जो व्यक्ति आपका दिखावे का दोस्त होगा वो आपको संकट के समय पर अकेला छोड़ देगा लेकिन सच्चा मित्र ऐसा नहीं करेगा और यही एक सच्चे दोस्त की खासियत है।
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चाणक्य ने सच्चे दोस्त की पहचान बताते हुए अपनी नीति में लिखा सच्चा दोस्त आपको कभी भी किसी बड़ी बीमारी से अकेला लड़ने के लिए नहीं छोड़ सकता, मित्र तो वो होता है जो आपकी आखिरी सांस तक आपका साथ दे।
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जब दो मित्रों में से एक मित्र परेशान या दुखी होता है तो सच्चा मित्र अपने मित्र के दुख को कम करने की कोशिश करता है, वही चाणक्य कहते हैं कि अगर आपका दोस्त आपको इस स्थिति में छोड़ कर खुद सैर सपाटे करता है तो वो आपका सच्चा दोस्त था ही नहीं।
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चाणक्य ने अपनी नीतिशास्त्र में लिखा है कि जिगरी मित्र की पहचान तब ही हो जाती है जब आप किसी कानूनी कदमें में फंसे हों, आपकी मदद करने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा दे।
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सच्चे मित्र कभी भी आपके पैसों पर खुद अय्याशि नहीं करते हैं, लेकिन वहीं लालची मित्र आपसे नहीं आपके धन की चाहत रखता है, ऐसे लोगों से फौरन दोस्ती तोड़ देनी चाहिए।
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चाणक्य सच्चे मित्र की पहचान बताते हैं कि जो अपने मित्र की हर मुसीबत में साथ खड़ा रहे उसे अकेला ना छोड़े, यही सच्चे मित्र की पहचान होती है।