Author- Afsana 10/06/2024
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आचार्य चाणक्य ने अपनी नीति शास्त्र में समय से पहले बुढ़ापे से बचने की खास नीतियों को स्पष्ट किया है, जिसमें ये सभी नीतियां शामिल हैं।
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चाणक्य ने जल्दी बुढ़ापा आने का एक कारण अधिक पैदल यात्रा करना बताया है, जिससे बचने के लिए आपको एक सिमित मात्रा में ही पैदल चलना चाहिए।
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चाणक्य बताते हैं जो लोग अपने घर से दूर अधिक यात्रा पर रहते हैं तो उन लोगों पर भी जल्दी बुढ़ापा चढ़ जाता है, इससे बचने के लिए सरल उपाए ये है कि यात्रा कम करनी चाहिए।
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चाणक्य कहते हैं अगर महिलाएं ज्यादा समय तक सम्भोग नहीं करती हैं तो उनपर भी बुढ़ापा दिखाई देने लग जाता है। जिसके लिए महिलाओं को एक उम्र तक वैवाहिक हो जाना चाहिए।
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वक्त से पहले बुढ़ापे का वो लोग शिकार हो जाते हैं जो अधिक थकान महसूर करते हैं और जो लोग अपने खान पान पर पूरी तरह ध्यान नहीं देते हैं। इसलिए आचार्य चाणक्य ने खुद के खान पान पर ध्यान देने की सलाह दी है।
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मन से खुश रहने वाला मनुष्य हर स्तर से ठीक रहता है, लेकिन अगर व्यक्ति मन से खुश नहीं है तब भी उस पर बुढ़ापा आने लग जाता है।
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चाणक्य की नीति में कही गई इन बातों को ध्यान में रखते हुए मनुष्य को अपनी भाग दौड़ वाले जीवन में कुछ समय अपने लिए भी निकालना चाहिए, जिसमें वह अपने स्वास्थ्य पर भी ध्यान दे सके।
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इन सभी बातों को ध्यान में रखने से व्यक्ति खुद को बुढ़ापे से दूर रखने के साथ-साथ कई स्वास्थ्य बीमारियों से भी सुरक्षित रख पाता है।
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