Author- Afsana 26/06/2024
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चाणक्य द्वारा लिखी गई नीति आज भी कई लोगों का मार्गदर्शन कराती है, इन नीतियों को जीवन में लागु करके कई लोग एक सफल और सुखद जीवन जी रहे हैं।
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चाणक्य कहते हैं कि यदि आपका गुरु विद्या से हीन है और वो आपको अच्छी शिक्षा की प्राप्ति नहीं करा पाए तो ऐसे में आपको अपने उस गुरु को त्याग देना चाहिए।
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चाणक्य अपनी नीति द्वारा कहते हैं कि जो स्त्री अधिक क्रोध करने वाली हो और वो आपकी इज्जत ना करती हो तो ऐसी महिलाओं का साथ सदैव के लिए छोड़ देना चाहिए।
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अर्थशास्त्री चाणक्य कहते हैं यदि आपके साथ रहने वाले दोस्तों में आपके लिए कोई स्नेह या प्रेम ना बचे तो आपको फौरन ऐसे दोस्तों का साथ छोड़ देना चाहिए, जिससे आप खुद को खुश रख सकते हैं।
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हर धर्म में दया और ममता की भावना सभी महसूस करते हैं लेकिन जब आपको ये महसूस हो जाए कि आपको दया या ममता का अनुभव नहीं हो रहा है तो आपको ऐसे धर्म को भी त्याग देना चाहिए।
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चाणक्य अपनी नीति शास्त्र में इस बात का भी उल्लेख करते हैं कि यदि आपका दोस्त नशे का आदि है तो आपको उसका साथ छोड़ देना चाहिए, आप भी खुद को इस आदत से सुरक्षित रख सकते हैं।
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यदि आपका पुत्र आपके ही खिलाफ खड़ा हो जाए और आपको क्षति पहुंचाए तो आप ऐसे पुत्र को भी त्याग दें।
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जो दोस्त आपके पीठ पीछे आपकी बुराई करते हैं तो ऐसे दोस्त आपके कभी भी सुख चिंतक नहीं हो सकते हैं, जिससे चाणक्य कहते कि ऐसे मित्रों को भी त्याग देना चाहिए।
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