Author- Afsana 29/06/2024
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अर्थशास्त्री चाणक्य द्वारा लिखी गई नीति जीवन को सुखद और खुशहाल बनाने के लिए बेहद जरूरी है, जिसे आज लाखों लोग अपने जीवन में लागू करते हैं।
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बुद्धिमानी कहलाए जाने वाले चाणक्य अपने द्वारा लिखे गए नीतिशास्त्र के पांचवें अध्यन में मनुष्य को 5 लोगों की निंदा करने से मना करते हैं। वरना इससे जीवन में बड़ा संकट आने की सम्भावना बढ़ जाती है।
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चाणक्य कहते हैं कि जीवन में कभी भी विद्वान व्यक्ति और पंडित का अपमान या उनकी निंदा कभी नहीं करनी चाहिए, वह ज्ञानी होते हैं उनका सदेव आदर करना चाहिए।
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जो मनुष्य शास्त्रों में लिखी बातों को व्यर्थ बताते हैं या उन्हें बुरा-भला कहते हैं वह उससे मिलने वाले लाभ से सदैव वंचित रह जाते हैं।
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चाणक्य इन सभी लोगों के साथ बलवान व्यक्ति की भी निंदा करने से मना करते हैं, ऐसा करने वाले लोग अक्सर किसी बड़ी परेशानी का शिकार हो जाते हैं।
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चाणक्य कहते हैं जो लोग शांत रहते हैं उनकी कभी भी बुराई नहीं करनी चाहिए और ना ही ढोंगी कहना चाहिए ऐसा करने से जीवन में दुख बढ़ सकता है।
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चाणक्य का कहना है कि जो लोग गंभीरता से सोचते हैं उन लोगों की भी कभी निंदा नहीं करनी चाहिए, वरना ऐसा करने वाले लोगों के लिए ये बेहद दुखदायक हो सकता है।
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जीवन में कभी भी किन लोगों की निंदा नहीं करनी चाहिए, उसके बारे में चाणक्य ने इस नीति में स्पष्ट किया है। इस लिए आप भी इन सभी बातों को ध्यान में रखें और जिससे आप भी जीवन को दुखों से बचा सकते हैं।
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