Author- Afsana 30/06/2024
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चाणक्य अपनी नीति शास्त्र में धन, तरक्की, सुख, ज्ञान और खुशहाल जीवन के साथ मित्रता पर भी कई नीतियां बताई है। जिससे सच्चे मित्र की पहचान भी की जा सकती है।
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चाणक्य की नीतियों को अपने जीवन में अपनाकर आपको सफलता की भी प्राप्ति होगी, साथ ही इससे आपके जीवन का मार्गदर्शन भी हो सकता है।
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व्यक्ति अपने जीवन में किसी ना किसी इंसान में अपना सच्चा मित्र ढूंढ ही लेता है, लेकिन चाणक्य ने अपनी लिखी गई नीतियों में कुछ सच्चे मित्रों की पहचान बताई है, चलिए जानते हैं।
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चाणक्य कहते हैं कि जो विदेश में रहने वाले लोग हैं उनके लिए सच्चा मित्र उनकी विद्या है। जिसकी मदद से वह किसी भी जगह अपना जीवन व्यतीत कर पाते हैं।
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अर्थशास्त्री का कहना है कि जिस मनुष्य की अच्छे स्वभाव वाली पत्नी घर में हो तो वह भी एक सबसे अच्छी मित्र होती हैं।
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जब मनुष्य बीमार हो जाता है, उस समय मनुष्य का सबसे बड़ा मित्र केवल दवाइयां ही होती है, जो उसे बीमारी के संकट से मुक्ति दिलाने में मदद करती है।
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मरे हुए मनुष्य के लिए उसका सच्चा मित्र केवल उसका धर्म और कर्म होता है, जो उसे स्वर्ग और नर्ख की ओर ले जाता है।
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चाणक्य ने इन सभी चीजों को मनुष्य का सच्चा मित्र इस लिए बताया है क्योंकि जब एक मृत व्यक्ति का साथ सब छोड़ देते हैं तब उसका धर्म कर्म ही उसका साथ देता है, इसी तरह ये चारों चीजें संसार में मनुष्य के सच्चे मित्र कहलाते हैं।
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