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लंबे वेटिंग पीरियड के नाम पर सीधे-साधे ग्राहकों को ऐसे बेवकूफ बना रहीं ऑटो कंपनियां! वजह सिर घुमा देगी

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Reasons of Car Waiting Period: आपने गाड़ियों पर मिलने वाले वेटिंग पीरियड के बारे में तो सुना ही होगा। बहुत से लोगों को कार बुक करने पर भी महीनों बाद डिलीवरी मिलती है। इसको लेकर कई ग्राहकों के मन में सवाल और उनकी शिकायत रहती है कि वेटिंग के मामले में कई कारों पर एक या डेढ़ साल से ज्यादा लंबा वेटिंग पीरियड क्यों है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इतना लंबा वेटिंग पीरियड़ कहीं कोई स्कैम तो नहीं है? या इतने लंबे वेटिंग पीरियड की आड़ में सीधे-साधे ग्राहक को कहीं लोगों को उल्लू तो नहीं बना रहीं है। तो आज हम इस बारे में ही बात करेंगे।

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गाड़ियों पर वेटिंग पीरियड़ का उद्देशय बुकिंग को बढ़ाना है

कार निर्माता कंपनियां के लिए वेटिंग पीरियड एक आम बात हो गई है। आज के समय में कार पर एक साल या दो साल के वेटिंग पीरियड के बारे में सुनते ही आपके दिमाग में यह सवाल होता होगा कि ये कार तो पक्का हिट है और बहुत से लोग इस कार को खरीद रहे जिससे इसकी डिमांड भी काफी है। लेकिन क्या आप जानते हैं इस वेटिंग पीरियड़ के पीछे कार निर्माता कंपनियों की पॉलिसी होती है और कई डीलर्स तो वेटिंग पीरियड को बड़े-बड़े अक्षरों के साथ हाईलाइट करके दिखाते हैं, जिससे ग्राहकों के मन में उस गाड़ी को खरीदने का विचार आता है। इस कारण उन कंपनियों की कार की बुकिंग भी बढ़ती जाती है।

लंबा वेटिंग पीरियड होता है डिलीवरी स्कैम

महिंद्रा एक्सयूवी 700 और महिंद्रा थार जैसी कई एसयूवी गाड़ियों पर काफी लंबा वेटिंग पीरियड था। इस लंबे वेटिंग पीरियड का फायदा कई डीलरशिप वालों ने कार की डिलीवरी जल्दी करने के नाम पर कई ग्राहकों से ज्यादा पैसे लेकर अपनी कई गाड़ियों के ज्यादा से ज्यादा टॉप वेरिएंट को बुक करवाया। जिससे डीलरशिप ग्राहकों से ज्यादा पैसे लेती है क्योंकि किसी भी कार का टॉप वेरिएंट सभी वेरिएंट्स के मुकाबले ज्यादा महंगा होता है।

वेटिंग पीरियड के पीछे का एक कारण ‘सप्लाई चेन’ भी है

कई बार गाड़ियों के लंबे वेटिंग पीरियड़ का कारण डीलरशिप या कोई स्कैम भी नहीं होता है। आपको बता दें कि साल 2020 में कोरोना वायरस के आने के बाद से गाड़ियों की मैन्युफैक्चरिंग कम हो पाई थी। इसका मुख्य कारण सेमीकंडक्टर चिप की कमी होना था। जिससे कारों की आपूर्ति पर काफी ज्यादा असर भी पड़ा है और गाड़ियों का निर्माण कम हुआ लेकिन डिमांड बढ़ती गई।

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