Hybrid Car: देश में पेट्रोल-डीजल, सीएनजी और इलेक्ट्रिक कारों के अलावा कई हाइब्रिड कारें बिक्री के लिए उलपब्ध हैं और बढ़ती पेट्रोल और डीजल की कीमतों की वजह से कंपनियां वाहन निर्माता कंपनियां अपनी गाड़ियों को हाइब्रिड ऑप्शन के साथ पेश कर रही हैं। माइलेज के मामले में ये गाड़ियां पेट्रोल और डीजल से काफी अच्छी होती हैं। तो आज हम कारों में मिलने वाली Hybrid टेक्नोलॉजी के बारे में ही बताने वाले हैं।
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क्या होती हैं Hybrid गाड़ियां
जैसे पेट्रोल-डीजल गाड़ियां के साथ सीएनजी का ऑप्शन मिलता है वैसे ही हाइब्रिड गाड़ियों भी आती हैं। इनमें पेट्रोल-डीजल के साथ में एक इलेक्ट्रिक मोटर दी जाती है, जो इंजन को एक्स्ट्रा पावर देती है जिससे इंजन को ज्यादा फ्यूल एफिशिएंसी मिलती है। इन गाड़ियों में पेट्रोल-डीजल के साथ एक बैटरी और इलेक्ट्रिक मोटर को जोड़ा जाता है और इसे ही हाइब्रिड टेक्नोलॉजी कहा जाता है। इस टेक्नोलॉजी के जरिए पॉल्यूशन भी कम होता है और गाड़ी माइलेज भी ज्यादा देती है।
कितनी तरह के होते हैं Hybrid Vehicle
Mild Hybrid– Mild Hybrid गाड़ियों में पेट्रोल इंजन के साथ इलेक्ट्रिक मोटर और लगभग 48 वोल्ट की एक बैटरी को जोड़ा जाता है और इससे इंजन को एक्स्ट्रा पावर मिलती है जो माइलेज बढ़ने का कारण भी है।
Strong Hybrid– इन कारों में माइल्ड हाइब्रिड जैसी ही टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जाता है, मगर इनमें बैटरी की क्षमता को बढ़ा दिया जाता है। इससे इंजन को और भी ज्यादा पावर मिलती है और फ्यूल की खपत काफी कम होती है।
Plug-in Hybrid– बता दें कि दोनों हाइब्रिड कारों में चलते समय बैटरी चार्ज होती है, लेकिन Plug-in Hybrid कारों में बैटरी को अलग से चार्ज करने का ऑप्शन भी दिया जाता है। इनमें पावरफुल बैटरी पैक मिलने की वजह से जरुरत होने पर इलेक्ट्रिक कार की तरह भी इस्तेमाल किया जा सकता है। Plug-in Hybrid कारों में दोनों हाइब्रिड गाड़ियों के मुकाबले ज्यादा माइलेज देखने को मिलती है। मौजूदा समय में भारत में कोई भी प्लग-इन हाइब्रिड टेक्नोलॉजी पर बेस्ड कोई कार उपलब्ध नहीं है।
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