Chandigarh EV Policy: देश भर में इलेक्ट्रिक कार को लेकर क्रेज बढ़ती नजर आ रही है। लोग इसे भविष्य की गाड़ी बताते हुए जमकर इसकी खरादारी में हिस्सा ले रहे हैं। इलेक्ट्रिक कारों को खरीदने के लिए हमारी सरकारे भी लोगों को प्रोत्साहन दे रही है और इसी के साथ इन गाड़ियों के चार्जिंग स्टेशन के मिर्माण का जिम्मा कई जगहों पर स्थानीय सरकारों ने ले रखा है। पर इसकी हालत खराब है। ऐसी ही एक खबर चंडीगढ़ से आई है जहां ईवी पॉलिसी को लागू करने की तैयारी में जुटा चंडीगढ़ प्रशासन शहर को प्रदूषण से मुक्त कराने के लिए लोगों को इलेक्ट्रिक वाहनों को खरीदने की जोर दे रहा है पर लोगों के लिए समस्या है कि वे अपने इलेक्ट्रिक वाहनों को चार्ज कैसे करें क्योंकि यहां ई-चार्जिंग स्टेशन की स्थिती बदहाल है।
इंसेंटिव देकर लोगों को प्रोत्साहित कर रहा प्रशासन
चंडीगढ़ में प्रदूषण से निपटने की लड़ाई स्थानीय प्रशासन लड़ रहा है और इस क्रम में लोगों को इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने को प्रोत्साहित किया जा रहा है। प्रशासन ने इलेक्ट्रिक वाहनों के खरीदने पर इंसेंटिव देने की घोषणा भी की है जिसके तहत इस साल अब तक चंडीगढ़ शहर में इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने वाले लोगों को 9 करोड़ रुपये तक का भुगतान किया जा चुका है। इसके अतिरिक्त इस पॉ़लिसी में ये भी कहा गया है कि इलेक्ट्रिक वाहन लेने वालों को रजिस्ट्रेशन के दौरान रोड टैक्स नहीं देना होगा।
इलेक्ट्रिक वाहनों के चार्जिंग स्टेशन को शुरु करने में हो रही है देर
प्रशासन भले ही लोगों को इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने को लेकर प्रोत्साहित कर रहा है पर सरकार और निजी संस्थाओं की ओर से लगने वाले चार्जिंग स्टेशन शुरु करने में देरी लग रही है। निजी संस्था क्रेस्ट ने चार्जिंग स्टेशन को लगाने की जिम्मेदारी ली है पर अभी तक काम पूरी नही हो पाया है। इसको लेकर कंपनी का कहना है कि इस चार्जिंग स्टेशन के लगाने के लिए तमाम आधुनिक उपकरणों की जरुरत है जिनके मिल पाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं इसके अतिरिक्त खबर ये भी है कि संबंधित सभी विभागों से इन उपकरण के मिलने को लेकर मंजूरी नहीं मिल पा रही है।
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