Electric Car: भारत में स्क्रैपीज पॉलिसी के तहत अब 10 साल पुरानी डीजल और 15 साल पुरानी पेट्रोल कारों को चलाने पर प्रतिबंध कर दिया गया है। ऐसे में पुरानी कारों को इलेक्ट्रिक कार में कन्वर्ट करने के लिए इलेक्ट्रिक रेट्रोफिटिंग (Retrofitting) उपलब्ध है जिससे आप किसी पुरानी कार को इलेक्ट्रिक कार में तब्दील करवा सकते हैं। अगर आपके पास भी इतनी पुरानी कार है और आपकी इन कारों की समयसीमा पूरा होने वाली है लेकिन आप अपनी कार को आगे चलाना चाहते हैं। तो आपके मन में भी आपके पुराने व्हिकल को कन्वर्ट कराने का विचार आया होगा। अगर आप ऐसा करने जा रहे हैं तो हो जाएं सावधान और इस बारे में पढ़ें पूरी जानकारी।
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कनवर्ट करवाने से पहले ये काम करवाएं
अगर आपने आपनी पुरानी कार को इलेक्ट्रिक कार में तब्दील करवाने का पूरा मन बना लिया है, तो सबसे पहले आपको आपके क्षैत्र में स्थित आरटीओ ऑफिस में जाकर अपने गाड़ी के रजिस्ट्रेशन को कैंसिल करवाना पड़ेगा। इसके बाद में आप सरकार से मान्यता प्राप्त किसी इलेक्ट्रिक किट मैन्युफैक्चरर कंपनी से अपनी पेट्रोल या डीजल कार को इलेक्ट्रिक कार में कन्वर्ट करवा सकते हैं और फिर से आपको अपनी कार इलेक्ट्रिक व्हीकल के तौर पर आरटीओ में रजिस्टर करवानी होगी।
कार को ईवी बनवाने पर आता है मोटा खर्च
अगर आप अपनी कार में कम कैपेसिटी वाला छोटा बैटरी पैक और मोटर लगवाएंगे तो इसके लिए आपको 3 से 6 लाख रुपये खर्च करने पड़ सकत हैं। वहीं आप ज्यादा कैपेसिटी वाली बड़ी बैटरी अपनी कार में फिट करवाते हैं तो इसके लिए आपको कंपनी को 10 लाख रुपये तक देने पड़ सकते हैं।
कार में किए जाते हैं ये बदलाव
इसके अलावा कार को इलेक्ट्रिक बनाने के लिए इसकी बॉडी लाइन और सस्पेंशन को भी बदला जा सकता है जिसका खर्चा अलग आता है। कई बार पुरानी कार की चेसिस को भी ऑल्टर कर बला जाता है। इन सभी प्रक्रिया में काफी ज्यादा खर्च आता है। इसके बाद आप अपनी पुरानी गाड़ी को कानूनी तरिके से सड़क पर दोबारा से चला सकेंगे।
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