Water Feul Car: मौजूदा समय में कार्बन उत्सर्जन की रोकथाम के लिए इलेक्ट्रिक व्हीकल काफी ज्यादा बढ़ावा दिया जा रहा है और इसके अलावा कई देशों में हाइड्रोजन से चलने वाली गाड़िया बिक्री के लिए उपलब्ध हैं। लेकिन अब जल्द ही गाड़ियों को कार्बन-डाई-ऑक्साइड यानी (CO2) और पानी से तैयार होने वाले फ्यूल से चलाया जा सकेगा। क्योंकि कई वैज्ञानिकों एक ऐसी ही सोलर पावर टेक्नोलॉजी को बनाने में लगे हुई हैं, जिसके जरिए CO2 और पानी की मदद से लिक्विड ईधन बन सकेगा। इस टेक्नोलॉजी को लेकर बैज्ञानिकों का कहना है कि अगर यह तकनीक सफल होती है, तो यह इलेक्ट्रिक वाहनों को भी पीछे छोड़ सकती है।
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ऐसे बनाया गया ये फ्यूल
इस फ्यूल को बनाने के लिए शोधकर्ताओं ने एक कृत्रिम पत्ती यानी आर्टिफिशियल लीफ तैयार की है। यह पत्ती सूरज की रोशनी का इस्तेमाल कर पानी और कार्बन डाई ऑक्साइड को एथेनॉल और प्रोपेनॉल में बदलती देती है, जो कि सामान्य ईधन के मुकाबले बहुत कम कार्बन उत्सर्जन करता है। दरअसल वैज्ञानिकों ने एक लैब में इन आर्टिफिशियल पत्तियों को सूरज की रोशनी में ले जाने से पहले कार्बन डाई ऑक्साइड और पानी में भिगो कर रख दिया। इसके बाद इन पत्तियों को सूरज की रोशनी में ले जाया गया। फिर सूरज की रोशनी के साथ पानी और कार्बन डाई ऑक्साइड से होने वाले रिएक्शन के बाद ग्रीन फ्यूल तैयार किया गया। यह एक ऐसा ग्रीन फ्यूल है जो कार्बन का कम उत्सर्जन करता है, जो कि पर्यावरण के लिए भी फायदेमंद साबित होता है। इससे ग्लोबल वॉर्मिंग को रोकने में भी काफी ज्यादा मदद मिलेगी।
शोधकर्ता ने क्या कहा
नेचर एनर्जी जर्नल में पब्लिश रिपोर्ट के मुताबिक शोधकर्ता डॉ. मोटियर रहमान का कहना है कि “हमने ऐसी आर्टिफिशियल लीफ डिवाइस विकसित की है जो CO2 और पानी सूरज की रोशनी का इस्तेमाल करते हुए मल्टीकार्बन अल्कोहल तैयार करते हैं। इस आर्टिफिशियल लीफ में कई तरह के मेटल की लेयर हैं. जैसे- कॉपर, ग्लास, सिल्वर और ग्रेफाइट। यह बिल्कुल पौधों की पत्ती की तरह काम करती है। आर्टिफिशियल लीफ में ऐसी चीजों का इस्तेमाल किया गया है जो प्रकाश को एब्जॉर्ब करने का काम करते हैं।
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