Wholesale Inflation: देश में महंगाई अब पहले से ज्यादा कंट्रोल में नजर आ रही है। बता दें कि खुदरा महंगाई के बाद अब अक्टूबर के महीने में थोक महंगाई में काफी ज्यादा गिरावट दर्ज की गई है। जोकि लोगों के लिए काफी खुशी की बात है। पिछले महीने थोक महंगाई लगातार सातवीं बार शून्य से नीचे रहा है।
5 फीसदी से कम हुई खुदरा महंगाई
बता दें कि किसी मंगलवार को सरकारी आंकड़े जारी किए गए के अनुसार अक्टूबर के महीने के दौरान थोक महंगाई की दर करीब –0.52 फीसदी यानी की शून्य 0.52 फीसदी नीचे रही है। अगर साल भर पहले की महंगाई दर की बात करें। तो साल 2022 अक्टूबर में थोक महंगाई करीब 8.67 फीसदी रहा है।
जानकारी के लिए बता दें कि इसी साल सितंबर के महीने में थूक महंगाई शून्य से 0.26 फ़ीसदी से नीचे थी। बात अगर देश में थोक महंगाई के दर की करें, तो अप्रैल 2023 से इसकी दर लगातार नीचे बनी हुई है। ऐसी स्थिति को डिफ्लेशन की स्थिति कहा जाता है।
प्राइमरी आर्टिकल्स की महंगाई में हुई कमी
जिन लोगों को इसके बारे में जानकारी नहीं है, उनकी जानकारी के लिए बता दें कि अगर महंगाई दर शून्य से नीचे आती है। तो कीमतों में गिरावट होती है। वहीं अगर यह शून्य से ऊपर जाती है तो कीमतों में बढ़ोतरी देखने को मिलती है।
वाणिज्य मंत्रालय की तरफ से जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार अक्टूबर के महीने में प्राइमरी आर्टिकल्स की कीमतों में नरमी का दौर देखने को मिला है। इसी कैटेगरी में महंगाई की दर जुलाई में 8.24 फीसदी से ऊपर पहुंच गई थी। वहीं अगस्त में इसमें कमी आई थी। वही सितंबर की बात करें, तो सितंबर में महंगाई की दर करीब 3.70 फीसदी रह गई थी।
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