Adani Group Case: अडानी ग्रुप का केस सुप्रीम कोर्ट में है। अब तक इस मामले में चार जनहित याचिकाएं दर्ज की जा चुकी हैं। सुप्रीम कोर्ट में इसकी सुनवाई जारी है और इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ताबड़तोड़ फैसले ले रहा है। सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में अडानी ग्रुप को लेकर सुनवाई हो रही है। ऐसे में याचिकाकर्ता कांग्रेस नेता जया ठाकुर के वकील वरुण ठाकुर की तरफ से फोर्ब्स की रिपोर्ट को रिकॉर्ड पर लेने का आग्रह किया गया जिसे सुप्रीम कोर्ट ने स्वींकार करने से मना कर दिया।
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जानें क्या हुआ सुनवाई के दौरान
खबरों की मानें तो सुनवाई के दौरान अडानी-हिंडनबर्ग मामले में एम एल शर्मा ने कहा कि शॉर्ट सेलर का काम बिना डिलीवरी शेयर बेचना और मीडिया के जरिए भ्रम फैलाना है। इस बात पर जस्टिस नरसिम्हा ने कहा कि आप कहना चाहते हैं कि शॉर्ट सेलर मीडिया के लोग होते हैं तो शर्मा ने कहा नहीं ये लोग शेयर मार्केट को प्रभावित कर लाभ कमाने वालों में से हैं। वहीं वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि हम इस केस के लिए जांच की मांग कर रहे हैं। हम कोर्ट की निगरानी में CBI और SIT की जांच की मांग कर रहे हैं। इस पर CJI ने जवाब दिया कि आप पहले से ही मान चुके हैं कि कुछ गलत हुआ है। इस पर प्रशांत भूषण ने कहा कि अडानी ग्रुप की कंपनियों के 75 प्रतिशत शेयर्स तो खुद अडानी ग्रुप के प्रमोटर्स और उनसे जुड़े लोगों के पास हैं। इस पर CJI ने उनसे उनके सुझाव मांगे हैं।
पिछले हफ्ते ठुकराया गया सीलबंद लिफाफा
बता दें कि पिछले हफ्ते हुई सुनवाई के दौरान सेबी के सॉलिटर जनरल तुषार मेहता ने एक सील बंद लिफाफे में कमेटी के सदस्यों के नाम सुझाए थे जिन्हें कोर्ट ने खारिज कर दिया था और कहा था कि हम अपनी तरफ से कमेटी बनाएंगे और इस मामले पर पूरी जांच करेंगे।
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