Adani Group: हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट आने के बाद से अडानी ग्रुप की कंपनियों के शेयरों में उठापटक का दौर लगातार जारी है। इस बीच देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी LIC ने बड़ा फैसला लिया है। LIC ने ऐलान किया है कि फिलहाल वह अडानी ग्रुप की कंपनियों में कोई निवेश नहीं कर रहे हैं। देखा जाए तो 15 दिनों में अडानी ग्रुप की कंपनियों के शेयरों में काफी गिरावट देखने को मिली है। इस वजह से अब LIC पर भी सवाल उठने लगे थे। तो आइए जानते हैं कि LIC के इस बड़े फैसले के पीछे की पूरी कहानी क्या है।
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अडानी ग्रुप के शेयर्स में गिरावट पर LIC ने लिया फैसला
दरअसल पिछले कई सालों में LIC ने अडानी ग्रुप की कंपनियों में निवेश करता आ रहा था। आज की तारीख में यह निवेश 30127 करोड़ रुपए का है। अडानी ग्रुप की कंपनियों के शेयर गिरने की वजह से सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी LIC को भी ढेर सारे सवालों का सामना करना पड़ रहा है। कुछ समय पहले LIC की टॉप मैनेजमेंट अडानी ग्रुप के साथ बातचीत करने की योजना बना रही थी। इस बात की संभावना जताई जा रही थी कि मीटिंग के बाद LIC अडानी ग्रुप में और निवेश कर सकता है। लेकिन हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट आने के बाद अडानी ग्रुप आरोपों में घिर गया और उसके बाद जो हालात पैदा हुए उसके मद्देनजर LIC के पास निवेश करने से पीछे हटने के अलावा और कोई विकल्प नहीं था।
LIC ने अभी नहीं निकाले इंवेस्ट किए हुए पैसे
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो LIC चेयरमैन M.R.Kumar ने एक इंटरव्यू में साफ कर दिया है कि शेयर बहुत कम समय में काफी तेजी से गिरे हैं। ऐसे में यह फैसला लेना बिल्कुल सही नहीं था कि अडानी ग्रुप के शेयर्स को बेचकर पैसे निकाल लिए जाएं। उन्होंने कहा कि इस मामले में कोई भी फैसला लेने के लिए भी समय बहुत कम था। उन्होंने अपने निवेशकों को यह भरोसा दिलाया कि अडानी ग्रुप के शेयरों में आई गिरावट और बाजारों की गिरावट का नकारात्मक असर LIC की एम्बेडेड वैल्यू पर नहीं पड़ा है।
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