AI: एआई (AI) यानी आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का दायरा जैसे-जैसे बढ़ रहा है। वैसे-वैसे इसका प्रभाव भी दुनियाभर में फैल रहा है। इसी बीच भारतीय-अमेरिकी अरबपति बिजनेसमैन विनोद खोसला ने दुनिया की अर्थव्यवस्था को लेकर एक बड़ी टिप्पणी की है। फेमस निवेशक और ओपनएआई के समर्थक ने अपनी बात से दुनिया को हिलाकर रख दिया है। विनोद खोसला ने कहा कि एआई न केवल उद्योगों को नया आकार देंगे, बल्कि आने वाले 25 सालों में आर्थिक विकास को मापने और समझने के तरीके में भी बड़ा बदलाव करेगी।
Vinod Khosla ने अपनी पोस्ट में कही ये बात
मशहूर निवेशक विनोद खोसला ने एआई के आर्थिक प्रभाव पर अपना दृष्टिकोण साझा किया। विनोद खोसला ने अपनी एक्स (ट्विटर) पोस्ट में लिखा, ‘एआई को पच्चीस वर्षों में अत्यधिक अपस्फीतिकारी होना चाहिए। पूंजी कुछ समय के लिए दुर्लभ होनी चाहिए, जीडीपी और अर्थव्यवस्था के मौजूदा उपाय कम प्रासंगिक होंगे, लेकिन सामान और सेवाएं अच्छी मात्रा में होनी चाहिए। मुख्य प्रश्न यह है कि सही उपाय और सही प्रश्न क्या हैं।‘
जीडीपी की कम होती जाएगी प्रासंगिकता- विनोद खोसला
विनोद खोसला ने कहा कि एआई-संचालित लैंडस्केप में पूंजी की कमी का संकेत देता है। जैसे-जैसे एआई केंद्र में आ रहा है, जीडीपी जैसे आर्थिक स्वास्थ्य के पारंपरिक उपाय अपनी प्रासंगिकता खो सकते हैं।
आपको बता दें कि विनोद खोसला ने साल 2019 में ओपनएआई कंपनी में 50 मिलियन का निवेश किया था। खोसला के इस निवेश से उनकी एआई के प्रति प्रतिबद्धता को दिखाती है, जहां पर एआई गतिशीलता में अहम भूमिका निभाएगा।
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