LIC: देश के सबसे बड़ी बीमा कंपनी यानि एलआईसी ने अपने ग्राहकों को जागरूक करते हुए समाचार रिपोर्टों के जवाब में अपनी स्थिति स्पष्ट की है, कि कुछ संस्थाए वर्तमान एलआईसी पॉलिसीधारकों को एलआईसी को सौंपने के बजाय उनसे पॉलिसियां खरीदने पर विचार कर रहे थे। जीवन बीमा दिग्गज ने सभी पॉलिसीधारकों से आग्रह किया है कि वे अपनी पॉलिसी के बारे में कोई भी निर्णय लेने से पहले अत्यधिक सावधानी बरतें। मालूम हो कि एलाईसी ने कल यानि 24 जून को इसे लेकर जानकारी भी दी थी।
LIC ने प्रेस रिलीज में क्या कहा?
एलआईसी ने प्रेस रिलीज जारी कर अपने ग्राहकों को आगाह करते हुए कहा कि
●एलआईसी ऐसी किसी इकाई, या ऐसी संस्थाओं द्वारा पेश किए जा रहे उत्पादों और/या सेवाओं से संबद्ध नहीं है, और एलआईसी के पूर्व कर्मचारियों/कार्मिकों द्वारा दिया गया कोई भी बयान ऐसे व्यक्तियों के लिए व्यक्तिगत है। हम इसके संबंध में किसी भी जिम्मेदारी या दायित्व से इनकार करते हैं।
●एलआईसी पॉलिसियों की कोई भी बिक्री/हस्तांतरण या असाइनमेंट बीमा अधिनियम, 1938, उसकी धारा 38 सहित, के अनुसार किया जाना चाहिए। लागू कानूनों के तहत, एलआईसी पॉलिसियों की किसी भी बिक्री/हस्तांतरण या असाइनमेंट पर कार्रवाई करने से इनकार कर सकता है।
एलाईसी पॉलिसी धारक इन बातों का रखें ध्यान
●अपने जीवनसाथी/माता-पिता/बच्चों को सूचित करें कि पॉलिसी कहाँ रखी है।
●नामांकित व्यक्ति का नाम पॉलिसी बांड में सही ढंग से शामिल किया गया है।
●अपने प्रीमियम का भुगतान समय पर करना याद रखें। पॉलिसी बांड उन महीनों की जानकारी देता है जिनमें प्रीमियम देय है।
तुरंत दर्ज करें शिकायत
●www.licindia.in के माध्यम से पॉलिसी जानकारी की सत्यता को सत्यापित करें या किसी भी निकटतम एलआईसी शाखा से संपर्क करें।
●अपने अधिकार क्षेत्र के पुलिस स्टेशन में फोन नंबर के विवरण के साथ एक पुलिस शिकायत दर्ज करें।
संदिग्ध कॉल की रिपोर्ट कॉल के संक्षिप्त विवरण के साथ spuriouscalls@licindia.com पर ईमेल के माध्यम से करें।