Banking Crisis News: दुनिया पर इस वक्त सबसे बड़ा बैंकिंग संकट (Banking Crisis News) मंडरा रहा है। ऐसा कहना गलत नहीं होगा, क्योंकि पिछले कुछ दिनों में वैश्विक स्तर बैंकिंग सिस्टम को काफी झटका लगा है। हालत इतने खराब हो गए है कि बीते 11 दिनों में ही 4 बैंक डूब गए हैं तो वहीं, पांचवा बैंक संकट में घिर हुआ नजर आ रहा है। ऐसे में हर तरफ यही सवाल है कि आखिर ये इतना बड़ा बैंकिंग संकट आया कैसे।
सिल्वरगेट बैंक
अमेरिकी बैंक सिल्वरगेट कैपिटल कॉर्प ने सबसे पहले अपना बैंक बंद करने की घोषणा की थी। ये बैंक क्रिप्टो इंडस्ट्री में मंदी के कारण चपेट में आया था, जिसके बाद घाटे से उबरने के लिए कंपनी ने इसे बंद करने का फैसला किया। इसके बाद इसके शेयरों में 40 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। हालांकि, इस बैंक को बचाने के लिए फेडरल डिपॉजिट इंश्योरेंस कॉरपोरेशन (FDIC) ने इसके मैनेजमेंट के साथ बातचीत करके इसके लिए कई कदम उठाने की कोशिश की थी। मगर इस बैंक को 8 मार्च को बंद कर दिया गया।
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सिलिकॉन वैली बैंक
अमेरिकी के बड़े बैंकों में शुमार सिलिकॉन वैली बैंक (SVB) में निवेशक और जमाकर्ता पहले से ही किनारे पर थे। इसके बाद कंपनी ने 2.25 अरब डॉलर की संपत्ति बेचने का फैसला किया, जिसके बाद बैंकिंग सेक्टर में हलचल शुरू हो गई। वहीं, निवेशकों ने अपने पैसे निकालने शुरू कर दिए। इसके बाद बैंक के शेयरों में 70 फीसदी की गिरावट देखी गई। अमेरिकी नियामक को इसका रिसीवर बनाया गया। वहीं, बैंक की संपत्ति भी कम हो गई।
सिग्नेचर बैंक
सिलिकॉन वैली बैंक के बाद सिग्नेचर बैंक पर भी ताल लग गया। 12 मार्च को इस बैंक पर संकट आया, जिसके बाद इस पर FDIC का नियंत्रण आ गया। निवेशकों ने बैंकिंग सेक्टर में भारी संकट को भांपते हुए अपने पैसे निकालने शुरू कर दिए। इसके बाद बैंक के पास नगदी की कमी हो गई। FDIC ने कहा है कि न्यूनॉर्क कम्युनिटी बैंक 2.7 अरब डॉलर में इस बैंका का बड़ा हिस्सा खरीद सकती है।
क्रेडिट सुइस
दुनियाभर में जारी बैंकिंग संकट यही नहीं थमा और यूरोपियन बैंक क्रेडिट सुइस भी इस संकट से घिर गया। क्रेडिट सुइस एजी ग्रुप ने इस बैंक को बचाने के लिए यूबीएस ग्रुप के साथ 3.2 अरब डॉलर की बड़ी डील की गई। 167 साल पुराना ये बैंक स्विट्जरलैंड का दूसरा बड़ा बैंक है। वहीं, दूसरी ओर UBS ने स्विस सरकार से 6 अरब डॉलर की गारंटी की मांग की है।
फर्स्ट रिपब्लिक बैंक
क्रेडिट सुइस के बाद एक और बैंक फर्स्ट रिपब्लिक बैंक भी कस्टमर्स द्वार अधिक पैसे निकालने के चलते डूबने के कगार पर पहुंच गया है। खबरों के मुताबिक, इस बैंक का कैश फ्लो 89 अरब डॉलर रह गया है। इसके बाद इस बैंक को बचाने के लिए 30 अरब डॉलर का कैश दिया गया। हालांकि, इसके बाद भी बैंक के शेयरों में लगातार गिरावट देखी जा रही है। फर्स्ट रिपब्लिक बैंक के शेयर 33 फीसदी नीचे आ गए हैं।
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