Blinkit Trouble: भारत की मशहूर डिलीवरी ऐप सर्विस ब्लिंकिट की परेशानियां कम होने का नाम ही नहीं ले रही हैं। ताजा जानकारी के मुताबि, ब्लिंकिट के 1000 कर्मचारियों ने दूसरी कंपनियों का हाथ थामते हुए ब्लिंकिट कंपनी को अलविदा कह दिया है।
1000 से अधिक कर्मचारियों ने छोड़ी कंपनी
खबरों की मानें तो दिल्ली-एनसीआर के 1000 से अधिक कर्मचारी हालात से तंग आकर दूसरी कंपनियों से जुड़ गए हैं। इस खबर को ब्लिंकिट को एक बड़ा झटका लगा होगा। कहा जा रहा है कि इन 1000 कर्मचारियों ने ब्लिंकिट की कॉम्टीटर जैसे स्विगी, इंस्टामार्ट, जेप्टो, जोमैटो और बिग बॉस्केट को चुन लिया है और ब्लिंकिट को छोड़ दिया है। बताया जा रहा है कि ये सभी कर्मचारी ब्लिंकिट के पेआउट सिस्टम से नाखुश चल रहे थे, यही वजह है कि उन्होंने ब्लिंकिट को छोड़ दिया है।
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क्या है पूरा मामला
गौरतलब है कि इससे पहले जोमैटो की मालिकाना हक वाली ब्लिंकिट ने ऐलान किया था डिलीवरी एक्ग्जीक्यूटिविस को दूरी के हिसाब से एक ट्रिप पर कम से कम 15 रुपये मिलेंगे। वहीं, इससे पहले ब्लिंकिट एक राइड के लिए 25 रुपये देती थी, साथ ही पीक ऑवर्स में 7 रुपये का इंसेंटिव भी देती थी।
बिजनेस में देखी गई गिरावट
कंपनी ने राइडर्स का पेआउट काफी घटा दिया था, इसके बाद ही डिलीवरी कर्मचारियों ने इसके खिलाफ विरोध का मोर्चा बुलंद कर दिया और हड़ताल शुरू कर दी। वहीं, कई दिनों तक कंपनी का काम बंद रहने की वजह से कंपनी के बिजनेस में काफी गिरावट देखी गई।
दिल्ली-एनसीआर पर खासा असर
राइडर्स का पेआउट घटने से कई स्टोर्स पर इसका असर देखने को मिला। खासकर दिल्ली और एनसीआर पर इसका असर अधिक मिला। दिल्ली, गाजियाबाद, नोएडा, गुरुग्राम और फरीदाबाद में कंपनी के डार्क स्टोर पर साफ सन्नाटा रहा। आफको बता दें कि कंपनी के दिल्ली-एनसीआर में 200 वेयरहाउस हैं, ऐसे में लगभग सभी पर इसका असर पड़ा और सभी ठप रहें।
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