Saturday, October 19, 2024
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बैंकिंग सेक्टर को Budget 2024 से है यह उम्मीदें, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से की यह खास अपील; जानें डिटेल

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Budget 2024: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा आम बजट 23 जुलाई 2024 को पेश किया जाएगा। गौरतलब है कि इसमे काफी कम समय बच गया है यह मोदी 3.0 का पहला बजट होगा। वहीं इस बजट से सभी सेक्टरों को खासी उम्मीदें है। विशेषज्ञों का मानना है कि चुनाव के बाद मोदी सरकार सभी वर्गों के लिए कुछ विशेष ऐलान कर सकती है, हालांकि यह तो 23 जुलाई को ही पता चलेगा कि आखिर बजट के पिटारे में क्या है। वहीं बैंकिंग सेक्टर को भी इस बजट से खासी उम्मीदे है। चलिए आपको बताते है कि आगामी बजट को लेकर बैंक सेक्टर की क्या उम्मीदें है।

बेहतर बनाने के लिए बुनियादी ढांचे को बढ़ावा

बिजली, सड़क, शहरी विकास और रेलमार्ग सहित बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए बढ़ी हुई फंडिंग को विश्लेषकों द्वारा बैंकिंग उद्योग के सामान्य स्वास्थ्य में सुधार और ऋण उठाव बढ़ाने की एक प्रमुख रणनीति के रूप में देखा जाता है।

जमा ब्याज पर कर समायोजन

बैंक सेक्टर आदर्श रूप से एक समान टैक्स दर प्राप्त करने के लिए जमा ब्याज कर में भी बदलाव चाहता है। जमा दरों की अपील बढ़ाने से पारिवारिक बचत को बढ़ावा देने और बैंक बैलेंस शीट को मजबूत करने की क्षमता है।

नॉन परफॉर्मिंग एसेट्स को संबोधित करना

नॉन परफॉर्मिंग एसेट्स यानि एनपीए प्रावधान और राइट-ऑफ के मुद्दों से निपटने के लिए, पुनर्पूंजीकरण पहल आवश्यक है। 2019 के बजट में बैंक पुनर्पूंजीकरण के लिए लगभग 70000 करोड़ रुपये की एक अनूठी योजना का अनावरण किया गया, जिसका उद्देश्य सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) को उनके पूंजी भंडार को मजबूत करने और अर्थव्यवस्था में ऋण उपलब्धता में सुधार करने में सहायता करना था। वहीं अब उम्मीद जताई जा रही है कि इस बार भी बैंकिंग सेक्टर के लिए कुछ बड़ा ऐलान किया जा सकता है।

NBFC की क्या है मांग?

गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी) क्षेत्र विकास को बनाए रखने के लिए उन्नत वित्तीय समावेशन और सुदृढ़ डिजिटलीकरण प्रयासों की आशा कर रहा है। उद्योग का प्रतिनिधित्व करने वाली वित्त उद्योग विकास परिषद (एफआईडीसी) ने आवास वित्त कंपनियों के लिए राष्ट्रीय आवास बैंक (एनएचबी) के समान एक विशेष पुनर्वित्त निकाय स्थापित करने का सुझाव दिया है।

यदि इन बैंकिंग सुधारों को 2024 के बजट में लागू किया जाता है, तो इससे ऋण देने में वृद्धि हो सकती है, जमा राशि जुटाई जा सकती है और ऋण उठाव बढ़ सकता है, जिससे बैंकिंग क्षेत्र और संबंधित शेयरों को लाभ होगा।

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