Credit Card: भारत में डिजिटल पेमेंट के साथ-साथ क्रेडिट कार्ड (Credit Card) के इस्तेमाल में भी काफी बढ़ोतरी देखी गई है। अक्सर देखा गया है कि लोग सेविंग्स बैंक अकाउंट में पैसे समाप्त होने के बाद क्रेडिट कार्ड की ओर रुख करते हैं।
Credit Card से कंपनियों की होती है मोटी कमाई
इस वजह से लोग अपनी पसंद की कोई भी चीज खरीद पाने में सक्षम होते हैं। क्रेडिट कार्ड के साथ कई अन्य तरह के लाभ भी मिलते हैं। क्रेडिट कार्ड जारी करने वाली कंपनियां क्रेडिट कार्ड पर कई तरह के आकर्षक ऑफर्स देती हैं। ऐसे में आपने कभी सोचा है कि क्रेडिट कार्ड जारी करने वाली कंपनियां कमाई कैसे करती हैं। चलिए नीचे जानते हैं डिटेल।
Credit Card की वार्षिक फीस से होता है फायदा
आपको बता दें कि क्रेडिट कार्ड जारी करने वाली कंपनियां या फिर बैंक ग्राहकों से क्रेडिट कार्ड जारी करने के बाद सालाना आधार पर फीस लेते हैं। साथ ही कई बैंक या कंपनियां खर्च की एक सीमा निर्धारित करते हैं और उससे अधिक खर्च होने पर कस्टमर्स की वार्षिक फीस को माफ कर दिया जाता है। ऐसे में ग्राहक क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल अधिक करते हैं, जो कि कंपनी या बैंक के लिए फायदेमंद होता है।
ब्याज और जुर्माने से होता है लाभ
क्रेडिट कार्ड का उपयोग करने वाले कई ग्राहक समय पर बिल का भुगतान नहीं करते हैं। ऐसे में बैंक या कंपनियां ग्राहकों से ब्याज और जुर्माना वसूलती है। साथ ही ईएमआई से शॉपिंग करने वाले कस्टमर्स से भी अतिरिक्त चार्ज लिया जाता है।
कैश एडवांस फीस
कई कंपनियां क्रेडिट कार्ड जारी करने के बाद ग्राहकों से कैश एडवांस फीस लेती है। अगर ग्राहक एटीएम से क्रेडिट कार्ड के जरिए पैसे निकालता है तो उस रकम का 2 से 5 फीसदी तक चार्ज लिया जाता है।
इनसे भी होती है कमाई
इसके अलावा क्रेडिट कार्ड जारी करने वाले बैंक और कंपनियां बैंलेस ट्रांसफर फीस वसूल करती है। ये 3 से 5 फीसदी तक हो सकता है। वहीं, कई कंपनियां ग्राहकों से फाइनेंस चार्ज भी लेती हैं। अगर ग्राहक ने मिनिमम चार्ज चुकाया है तो बाकी की रकम पर ब्याज लगाकर फाइनेंस चार्ज लिया जाता है।
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