E-Gold: 1 फरवरी बुधवार को सरकार ने आम बजट पेश किया था। इस बजट को पीएम मोदी ने उम्मीदों का बजट भी बताया है। ऐसे में गोल्ड में निवेश करने वाले लोगों के लिए भी एक बड़ा एलान किया गया है। अगर आप भी गोल्ड में निवेश करते हैं तो यह आपके लिए बहुत ही महत्वपूर्ण खबर हो सकती है। अब ई गोल्ड को फिजिकल गोल्ड और फिजिकल गोल्ड कोई गोल्ड बदलने में कोई भी टैक्स नहीं देना होगा।
सरकार ने किया बड़ा एलान
सरकार ने बजट में बुधवार को ऐलान किया कि, वास्तविक सोने को इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड या इसके विपरीत में बदलने पर कोई भी पूंजीगत लाभ टैक्स नहीं लगेगा। आसान शब्दों में इसका मतलब है कि अगर आप किसी ज्वेलरी को बेचकर डिजिटल गोल्ड में निवेश करते हैं तो उससे मिलने वाले फायदे में कोई भी टैक्स नहीं लगेगा।
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सोने के इलेक्ट्रॉनिक निवेश को मिलेगा बढ़ावा
गोल्ड खरीदने पर अभी तक 3 साल बाद बेचने पर 20% टैक्स व लॉन्ग-टम कैपिटल गेन्स पर 4% सेस लगता था। सोने और इमिटेशन ज्वेलरी पर सीमा शुल्क 20%से बढ़कर 25%, चांदी पर 7.5% से 5% हुआ। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2023-24 के अपने बजट भाषण में कहा कि, “फिजिकल गोल्ड के इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड रिसीप्ट (EGR) में रूपांतरण और इसके विपरीत को हस्तांतरण के रूप में नहीं माना जाएगा और न ही किसी पूंजीगत लाभ को आकर्षित होगा।” उन्होंने आगे कहा कि, इससे सोने के इलेक्ट्रॉनिक समकक्ष में निवेश को बढ़ावा मिलेगा।
ज्वेलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल के पूर्व चेयरमैन कही ये बात
वही जेम्स एंड ज्वेलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल के पूर्व चेयरमैन कोलिन शाह का कहना है कि, “ड्यूटी बढ़ने से स्थानीय स्तर पर बनी ज्वेलरी महंगी हो जाएगी। लेब में बने हीरे सस्ते हो जाएंगे। आईआईटी को रिसर्च ग्रांट भी लैब में बने हीरे सस्ते होंगे। इन्हें बनाने में काम आने वाले सीड पर सीमा शुल्क 5% से घटाकर शून्य कर दिया गया है। इससे घरेलू निर्माण बढ़ेगा।
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