Employee Pension Scheme: श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने कर्मचारी पेंशन योजना ईपीएस के नियमों में संशोधन किया है। वहीं इसे लेकर एक अधिसूचना भी जारी की है। अधिसूचनाओं में से एक ईपीएस योजना से एकमुश्त भुगतान से संबंधित है जब कोई सदस्य 10 वर्ष पूरा होने से पहले छोड़ देता है। एक अन्य अधिसूचना उन कर्मचारियों के लिए है जो ईपीएस से पहले मौजूद पारिवारिक पेंशन योजना के तहत पेंशन प्राप्त करने के पात्र हैं।
क्या है ईपीएस
कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) एक रिटायर्मेंट स्कीम है, जिसे EPFO द्वारा मैनेज किया जाता है। यह योजना संगठित क्षेत्र में काम कर चुके रिटायर्ड कर्मचारियों के लिए है, जो 58 वर्ष की आयु में रिटायर हो चुके हैं। हालांकि, इस योजना का लाभ केवल तभी लिया जा सकता है, जब कर्मचारी ने कम से कम 10 साल तक नौकरी की हो।
पेंशन के नियमों में किया गया संसोधन
बताते चले कि जारी अधसूचना में टेबल- डी को संशोधित किया गया है। कर्मचारी पेंशन योजना के नियमों के अनुसार ईपीएस के सदस्य तभी पेंशन प्राप्त कर सकता है जब वह 0 वर्षों तक ईपीएस और ईपीएफ खाते में योगदान करेगा। अगर कोई कर्मचारी 10 साल पूरा होने से पहले ईपीएस योजना छोड़ता है, तो ईपीएस से जल्दी बाहर निकलने के कारण पेंशन के बजाय एकमुश्त भुगतान दिया जाता है। नए संशोधन के अनुसार एकमुश्त निकासी लाभ की गणना अब किसी व्यक्ति द्वारा पूरी की गई सेवा के महीनों के आधार पर की जाएगी। पहले, ‘तालिका डी’ के अनुसार, निकासी लाभ की गणना पूरी की गई सेवा के वर्षों की संख्या के आधार पर की जाती थी।
पेंशन योजना में किया गया संसोधन
‘टेबल बी’ में संशोधन उन ईपीएस सदस्यों के लिए है जो 16 नवंबर 1995 से पहले पारिवारिक पेंशन योजना के तहत कवर किए गए थे और जिन्होंने 16 नवंबर 1995 से ईपीएस से बाहर निकलने की तारीख के बीच की अवधि के दौरान 34 साल से अधिक लेकिन 42 साल से कम सेवा पूरी की है। नए संशोधन से पहले पारिवारिक पेंशन योजना के तहत कवर किए गए कर्मचारियों के लिए ईपीएफओ की पेंशन देनदारी का अनुमान लगाने में मदद मिल सकती है।