Flex Fuel Car: पेट्रोल और डीजल की खपत को कम करने के मकसद से देश के परिवहन मंत्री नितिन गडकरी मार्केट में ऐसे वाहनों को तरजीह दे रहे हैं। जो पारंपरिक रूप से इस्तेमाल होने वाले ईंधन की बजाय दूसरी चीज़ों से भी चल सकें, हाल ही में इसी क्रम में नितिन गडकरी (nitin gadkari) ने बीएस-VI (स्टेज-II), इलेक्ट्रिक फ्लेक्स-ईंधन कार को पेश कर दिया है। जिस गाड़ी को हाल ही में लॉन्च किया गया है। वह 100 प्रतिशत इथेनॉल से चलेगी और इस गाड़ी का नाम टोयोटा इनोवा है।
लॉन्च हुई पहली Flex Fuel Car
इस कार की खास बात है कि ये 40 प्रतिशत तक बिजली भी उत्पन्न कर सकेगी और इस लिहाज से देखेंगे तो ऐसा होने से इथेनॉल की कीमतों में भी कमी आएगी। बता दें, यह कार दुनिया की पहली बीएस-VI (स्टेज-II), कार है। जो इलेक्ट्रिफाई फ्यूल बेस पर आधारित है।
कैसे काम करती है Flex Fuel Car
अब सवाल है कि आखिर इस तरह की गाड़ियां कैसे काम करती हैं और इनके इस्तेमाल से कैसे पर्यावरण को सुरक्षित रखा जा सकता है। दरअसल, इस तरह की तकनीक पर आधारित कारें गेसोलीन या इथेनॉल के मिश्रण से चलने में कारगर होती हैं। ये कारें 83 प्रतिशत की क्षमता के साथ ऐसे मिश्रण से तैयार किए गए फ्यूल से चल सकती हैं। हालांकि यहां ध्यान ध्यान देने वाली बात है कि इथेनॉल पेट्रोल की तुलना में थोड़ा कम ऊर्जा निकालता है लेकिन उन्नत तकनीक के साथ इसका समागम करके इसे पेट्रोल के बराबर शक्ति उत्पन्न करने के लिए तैयार किया जा सकता है।
क्या है इथेनॉल बनाने की प्रक्रिया
इथेनॉल बनाने के प्रोसेस की बात करें तो मील में मशीनों द्वारा गन्ने से चीनी बनाने की जो प्रक्रिया होती है। उसमें इथेनॉल प्राप्त होता है। इसे खेतों में ज्यादा से ज्यादा गन्ना उत्पादन करके प्राप्त किया जा सकता है और अच्छी बात है इसमें ज्यादा लागत भी नहीं आती है।
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