Global Economy: अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष यानी आईएमएफ की प्रमुख क्रिस्टालिना जॉर्जीवा ने वैश्विक अर्थव्यवस्था की स्थिति को लेकर चिंता जताई है और साथ ही आगाह किया है कि इस साल एक-तिहाई वैश्विक अर्थव्यवस्था मंदी का शिकार हो सकती है। साल 2022 के मुकाबले साल 2023 ज्यादा मुश्किल भरा होगा। अमेरिका, यूरोपीय संघ और चीन में मंदी की आशंका ज्यादा है। इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड के आंकड़े ये संकेत दे रहे हैं कि 2023 में ग्लोबल इकोनॉमी में अमेरिका की हिस्सेदारी घटने वाली है। यह साल भारत के लिए काफी बेहतर रहा है और आने वाला साल में वैश्विक अर्थव्यवस्था में भारत की हिस्सेदारी में बढ़ोतरी होगी। साल 2022 की रिपोर्ट के अनुसार भारत ने ने दुनिया की टॉप 5 अर्थव्यवस्थाओं में अपनी जगह बन ली है।
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भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए शुभ संकेत
IMF के चीफ इकोनोमिस्ट पियरे ओलिवियर गौरिनचास ने साल 2022 के अक्टूबर महीने में अपना बयान देते हुए कहा था कि भारत दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में शुमार है। भारत का 6.8 फीसदी या 6.1 फीसदी की दर से विकास करना बहुत बड़ी बात है। उस वक्त उन्होंने यह भी कहा था कि भारत के मौजूदा माहौल को देखते हुए आर्थिक वृद्धि दर की ये रफ्तार एक बेहतरीन संकेत हैं। इसके अनुसार भविष्य में भारत एक अच्छी अर्थव्यवस्था के रूप में उभरेगा।
टॉप 5 में भारत ने बनाई अपनी जगह
साल 2022 में वैश्विक अर्थव्यवस्था 101.6 ट्रिलियन पर पहुंची थी। जिसमें भारत ने ब्रिटेन को पीछे छोड़ते हुए दुनिया की टॉप पांच अर्थव्यस्थाओं में अपनी जगह बनाई। IMF की रिपोर्ट के अनुसार साल 2022 में भारत की जीडीपी 3,468.6 अरब डॉलर रही थी।
इस साल बढ़ सकती है भारत की हिस्सेदारी
IMF की रिपोर्ट के अनुसार साल 2022 के मुकाबले इस साल भारत की हिस्सेदारी बढ़कर 3.6 फीसदी होने की उम्मीद है। साल 2000 में यह 1.4 पर थी। साल 2022 में अमेरिका की हिस्सेदारी 30.1 फीसदी थी जो इस साल 24.7 फीसदी रह सकती है।
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