GST Council Meeting: सोशल मीडिया के तमाम प्लेटफॉर्म पर आज गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST) काउंसिल की 54वीं बैठक को लेकर खूब सुर्खियां बन रही हैं। जीएसटी परिषद की बैठक से पहले ही पंजाब की मान सरकार ने अपना स्टैंड क्लियर कर दिया। सीएम मान के निर्देशानुसार राज्य के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने अहम बात कही है।
वित्त मंत्री की ओर से स्पष्ट किया गया है कि “स्वास्थ्य बीमा पर एजेंडे के संबंध में दिल्ली और पंजाब एक ही पृष्ठ पर हैं। वित्त मंत्री ने कहा है कि स्वास्थ्य बीमा पर जीएसटी नहीं लगाया जाना चाहिए। पंजाब सरकार हेल्थ इंश्योरेंस पर जीएसटी खत्म करने की बात करती है।” मान सरकार की ओर से दी गई इस दलील को लेकर खूब चर्चा भी हो रही है। (GST Council Meeting)
मान सरकार का क्लियर स्टैंड
जीएसटी काउंसिल बैठक से पहले ही पंजाब की भगवंत मान सरकार ने अपना स्टैंड क्लियर कर दिया था। पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा कि “स्वास्थ्य बीमा पर एजेंडे के संबंध में दिल्ली और पंजाब एक ही पृष्ठ पर हैं। स्वास्थ्य बीमा पर जीएसटी नहीं लगाया जाना चाहिए। आम आदमी पार्टी की सरकार हेल्थ इंश्योरेंस पर जीएसटी खत्म करने की बात करेगी। मान सरकार की ओर से रिसर्च पर ध्यान केन्द्रित करते हुए कहा गया है कि चाहे प्राइवेट हो या सरकारी, रिसर्च देश के लिए हो रहा है, उसके विकास के लिए हो रहा है, इसलिए इस पर जीएसटी नहीं होना चाहिए।”
कैसे होगा लोगों को लाभ?
केन्द्र की ओर से यदि हेल्थ इंश्योरेंस पर जीएसटी खत्म करने का फैसला लिया गया तो इसका सीधा असर आम नागरिकों पर पड़ेगा और उन्हें कई तरह के लाभ हो सकेंगे। केन्द्र के इस कदम से लाइफ और मेडिकल इंश्योरेंस सस्ते हो सकते हैं, क्योंकि इंश्योरेंस पर जीएसटी प्रीमियम की राशि में इजाफा करती है जिससे पॉलिसी होल्डर को अतिरिक्त धनराशि का भुगतान करना पड़ता है। हालाकि ये मामला अभी विचाराधीन है और देखना दिलचस्प होगा कि आगामी भविष्य में केन्द्र की ओर से इस पर क्या फैसले लिए जाते हैं।