Hindenburg: हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा भारत के बाजार नियामक सेबी के अध्यक्ष माधबी पुरी बुच पर अस्पष्ट अपतटीय संस्थाओं में हिस्सेदारी रखने का आरोप लगाने के बाद एक बड़ा राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया, जिसे ‘अडानी मनी साइफनिंग स्कैंडल’ कहा जा रहा है। ‘इस घटनाक्रम के बाद विपक्षी दलों ने सरकार और नियामक संस्था पर अपना हमला तेज कर दिया है, जिसमें कांग्रेस सबसे आगे है।
Hindenburg ने सेबी के अध्यक्ष पर लगाए गंभीर आरोप
गौरतलब है कि बीते दिन हिंडनबर्ग ने अपने एक्स हैंडल पर लिखा था कि ‘भारत में कुछ बड़ा है’इसके कुछ घंटे बाद ही हिंडनबर्ग ने सेबी के अध्यक्ष पर गंभीर आरोप लगाया है। आरोप में कहा गया है कि हिंडनबर्ग ने कहा है कि अदानी समूह की वित्तीय अनियमितताओं में जिन ऑफशोर फंड्स की संलिप्तता रही है वो काफी अस्पष्ट और जटिल स्ट्रक्चर वाले हैं। रिपोर्ट में माधबी पुरी बुच के निजी हितों और बाजार नियामक प्रमुख के तौर पर उनकी भूमिका पर सवाल उठाए गए हैं. हिंडनबर्ग रिसर्च ने कहा है अदानी ग्रुप को लेकर सेबी ने जो जांच की है उसकी व्यापक जांच होनी चाहिए।
महुआ मोइत्रा ने विपक्ष पर लगाया आरोप
टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखा कि ‘असली अडाणी शैली में सेबी अध्यक्ष भी उनके समूह में एक निवेशक हैं। क्रोनी कैपिटलिज्म अपने चरम पर है। क्या आप पीओसीए (POCA) और पीएमएलए (PMLA) मामले दर्ज करेंगे या नहीं?
10 अगस्त को जारी हिंडनबर्ग रिसर्च की नवीनतम रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि सेबी की चेयरपर्सन माधबी बुच और उनके पति की ‘अडाणी मनी साइफनिंग स्कैंडल में इस्तेमाल की गई दोनों अस्पष्ट ऑफशोर संस्थाओं’ में हिस्सेदारी थी।
कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने दी प्रतिक्रिया
कांग्रेस सांसद मनीष सिसोदिया ने हिंडनबर्ग रिसर्च पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि “हिंडनबर्ग द्वारा कुछ खुलासे किए गए हैं, जिन्हें सार्वजनिक रूप से सामने रखा गया है। इनकी गहन जांच की आवश्यकता है. ऐसा प्रतीत होता है कि कथित हितों के टकराव की कुछ झलक है। इसलिए इन परिस्थितियों में सार्वजनिक रूप से कुछ समय से मांग की जा रही है कि हिंडनबर्ग मामले की संयुक्त संसदीय समिति द्वारा उचित जांच की जानी चाहिए। यह उचित होगा कि इन सभी मुद्दों पर विस्तार से विचार करने के लिए एक संयुक्त संसदीय समिति गठित की जाए”।
माधबी पुरी बुच उनके पति ने किया खंडन
माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच ने आरोपों के संबंध में कड़ा खंडन जारी किया है। उन्होंने हिंडनबर्ग रिसर्च के दावों को “निराधार” और “किसी भी सच्चाई से रहित” करार दिया। एनडीटीवी के हवाले से बुच ने बयान में कहा कि, “हमारे खिलाफ 10 अगस्त 2024 की हिंडनबर्ग रिपोर्ट में लगाए गए आरोपों के संदर्भ में, हम यह बताना चाहेंगे कि हम रिपोर्ट में लगाए गए आरोप निराधार है।