Hindenburg: अमेरिकी वित्तीय शोध कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च एक बार फिर भारत के विभिन्न हिस्सों में सुर्खियों बना रही है। इंटरनेट पर Hindenburg जमकर ट्रेंड कर रहा है और इस ‘कीवर्ड’ पर तमाम खबरें भी प्रकाशित हो रही हैं। इसी बीच हिंडनबर्ग की ओर से एक और सवालों से भरी सूची जारी की गई है जिसमें सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) प्रमुख माधबी पुरी बुच (Madhabi Puri Buch) के समक्ष कई गंभीर सवाल रखे गए हैं।
माधवी पुरी बुच ने बीते दिन Hindenburg द्वारा निवेश के क्रम में लगाए गए सभी आरोपों को खारिज करते हुए बयान जारी कर पलटवार किया था। हालाकि अब हिंडनबर्ग की ओर से आरोपों से भरी सवालों की नई सूची भी आ गई है और उसमें कई अहम प्रश्न पूछे गए हैं। ऐसे में आइए हम आपको इस पूरे प्रकरण के बारे में विस्तार से बताते हैं।
Hindenburg का करारा पलटवार!
हिंडनबर्ग द्वारा SEBI चीफ पर लगाए गए सभी आरोपों को सिरे से खारिज करने के बाद रिसर्च एजेंसी की ओर से सवालों से भरी एक नई सूची भी जारी की गई है जिसको लेकर भारतीय बाजार में खूब सनसनी मची है।
हिंडनबर्ग की ओर से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स से पोस्ट साझा कर स्पष्ट किया गया है कि SEBI चीफ के जवाब से अब सार्वजनिक रूप से बरमूडा, मॉरीशस के एक अस्पष्ट फंड स्ट्रक्चर में उनके निवेश की पुष्टि हो गई है। इसके अलावा विनोद अडानी की ओर से कथित रूप से बाहर भेजे गए पैसे की भी पुष्टि हो गई है और साथ ही उन्होंने यह भी स्पष्ट किया है कि यह फंड उनके पति के बचपन के दोस्त द्वारा चलाया जाता था, जो उस समय अडानी के निदेशक थे।
हिंडनबर्ग का कहना है कि सेबी चीफ ने जो दो कंसल्टिंग फर्म स्थापित कीं, जिनमें भारतीय और सिंगापुरी कंपनी शामिल हैं, वे 2017 में सेबी में उनकी नियुक्ति के तुरंत बाद निष्क्रिय हो गईं। जबकि 31 मार्च, 2024 तक की लेटेस्ट शेयरहोल्डिंग लिस्ट के मुताबिक, अगोरा एडवाइजरी लिमिटेड (इंडिया) का स्वामित्व माधबी बुच के पास है,और यह कंपनी अभी भी कंसल्टिंग रेवेन्यू जेनरेट कर रही है। इसके अतिरिक्त भी Hindenburg की ओर से कई गंभीर सवाल खड़े किए गए हैं जिससे SEBI चीफ की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं।
SEBI चीफ ने क्या कहा था?
हिंडनबर्ग द्वारा लगाए गए तमाम आरोपों के बाद SEBI चीफ माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच शनिवार को एक बयान जारी कर सभी आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया था। SEBI चीफ ने स्पष्ट किया था कि हिंडनबर्ग ने जिस फंड का उल्लेख किया है, उसमें निवेश 2015 में किया गया था। निवेश के समय बुज दंपति सिंगापुर के नागरिक थे और यह निवेश माधबी के सेबी में पूर्णकालिक सदस्य के रूप में शामिल होने से लगभग 2 वर्ष पहले किया गया था।
निवेश को लेकर SEBI चीफ का कहना है कि यह इसलिए किया गया क्योंकि मुख्य निवेश अधिकारी अनिल आहूजा, धवल (सेबी चीफ के पति) के बचपन के दोस्त हैं। इसके अलावा भी SEBI चीफ ने कई अहम पहलुओं पर अपना पक्ष रख हिंडनबर्ग के आरोपों को सिरे से खारिज किया है।