IMF on Indian GDP: दुनियाभर में गहराते आर्थिक संकट के बीच अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने भारत को एक गहरा झटका दिया। आईएमएफ ने करंट वित्त वर्ष के लिए भारत के आर्थिक विकास दर के अनुमान को घटा दिया। आपको बता दें कि बीते दिन मंगलवार को आईएमएफ ने भारत की जीडीपी के पूर्वानुमान में बदलाव करते हुए उसे 6.1 फीसदी से घटाकर 5.9 फीसदी कर दिया। आईएमएफ ने भारत के चालू वित्त वर्ष के दौरान 6 फीसदी से कम विकास दर रहने का अनुमान जताया।
भारत की अर्थव्यवस्था सबसे अच्छा प्रदर्शन कर रही
हालांकि, आईएमएफ ने भारत को एक बड़ी राहत देते हुए कहा कि इस समय भारत की अर्थव्यवस्था सबसे अच्छा प्रदर्शन कर रही है। साथ ही भारतीय अर्थव्यवस्था दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बनी हुई है। आईएमएफ के एशिया और प्रशांत विभाग की उप निदेशक ऐनी-मैरी गुल्डे-वुल्फ ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था एशिया की सबसे तेजी से विकसित होती अर्थव्यवस्था बनी हुई है।
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आरबीआई के अनुमान से कम
आईएमएफ ने कहा कि चालू वित्त वर्ष की तुलना में 2022-23 की विकास दर का अनुमान 6.8 फीसदी रहने का अनुमान है। हालांकि, ये भारत के केंद्रीय बैंक आरबीआई के अनुमान से कम है। आरबीआई के मुताबिक, 2022-23 में 7 फीसदी और चालू वित्त वर्ष में 6.4 फीसदी विकास दर रह सकती है। यहां पर आपको बता दें कि सरकार ने 2022-23 के विकास दर के आंकड़ों को अभी तक जारी नहीं किया गया है।
विकास दर के अनुमान में कमी आने के ये हैं कारण
आईएमएफ ने भारत के मौजूदा वित्त वर्ष में विकास दर के अनुमान को 6.1 फीसदी से कम करके 5.9 फीसदी कर दिया। इसके लिए आईएमएफ ने कहा कि लंबे वक्त से रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्द और कोरोना वायरस महामारी से कमजोर हुई आर्थिक स्थिति इसके लिए जिम्मेदार है।
वैश्विक विकास दर 2.8 फीसदी रहने का अनुमान
आईएमएफ ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि इस साल ग्लोबल वैश्विक विकास दर 2.8 फीसदी रह सकता है। 2024 में ये 3 फीसदी रहने का अनुमान है। दूसरी ओर, महंगाई दर 2022 में 8.7 फीसदी से कम होकर 7 फीसदी पर आ सकती है। साल 2024 में 4.9 फीसदी रह सकती है।