Income Tax News: नई नौकरी शुरू करते समय, कर्मचारी या तो पहली बार कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) में शामिल होते हैं या अपने अकाउंट को नए नियोक्ता द्वारा स्थापित ईपीएफ खाते में ट्रांसफर करते हैं। हालांकि यह जानना महत्वपूर्ण है कि आपके नियोक्ता का पीएफ ट्रस्ट “छूट प्राप्त” है या “छूट रहित” है क्योंकि यह धारा 80 सी और अन्य कर लाभों को प्रभावित करता है जिनका आप अपने ईपीएफ भुगतान पर दावा कर सकते हैं। चलिए आपको बताते है सारी जानकारी।
इस तरह ईपीएफ में मिलती है टैक्स छूट
●जो कर्मचारी ईपीएफओ-प्रबंधित ईपीएफ खाते या छूट प्राप्त ट्रस्ट में योगदान करते हैं, उन्हें कई टैक्स लाभ मिलता है।
●वेतनभोगी व्यक्ति अपने स्वयं के ईपीएफ भुगतान के लिए धारा 80सी कटौती का दावा कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त, ऐसे खातों में नियोक्ता का योगदान कुछ शर्तों के आधार पर टैक्स-मुक्त होता है।
●पीपीएफ में आपका पैसा मैच्योर होता है तो आपको 80सी के तहत टैक्स में छूट मिलती है।
गैर-छूट वाले ईपीएफ ट्रस्टों के लिए कोई टैक्स छूट नही मिलती है
●गैर-छूट वाले ईपीएफ ट्रस्टों में किया गया योगदान धारा 80सी कटौती के लिए पात्र नहीं है।
●इस पर आपकी आय के हिस्से के रूप में टैक्स लगाया जाता है।
●आपके योगदान पर ब्याज और नियोक्ता के योगदान दोनों कर योग्य हैं।
नई नौकरी ज्वाइन करते समय इन बातों का रखें ध्यान
नई नौकरी शुरू करते समय या नियोक्ता बदलते समय, यह समझना आवश्यक है कि आपका नियोक्ता आपके ईपीएफ योगदान का प्रबंधन कैसे करता है। यह जानना कि ट्रस्ट को छूट प्राप्त है या नहीं, यह सुनिश्चित करता है कि आप अपने कर लाभ को अधिकतम कर सकते हैं और अप्रत्याशित कर देनदारियों से बच सकते हैं।