Income Tax News: अगर आपने भी आईटीआर 31 जुलाई 2024 या उससे पहले दाखिल कर दिया है और अभी तक आपका रिटर्न आयकर विभाग द्वारा सफलतापूर्वक प्रोसेस नहीं किया गया है, तो आपको रिफंड भी नहीं मिलेगा। चलिए आपको बताते है कि किन कारणों से आयकर विभाग आपका आईटीआर वेरिफाई करने में देरी कर सकता है।
इन कारणों से हो सकती है देरी
टैक्स पेशेवरों का सुझाव है कि आम तौर पर, आयकर रिटर्न की प्रोसेसिंग में आईटीआर की ई-सत्यापन तिथि से औसतन 15-45 दिन लगते हैं। नियम के मुताबिक, आपको अपना आयकर रिटर्न दाखिल करने के बाद वित्तीय वर्ष की समाप्ति के नौ महीने के भीतर इसे संसाधित करना होगा। इसके अलावा करदाताओं द्वारा गलत आईटीआर फॉर्म चुन लेना, या फिर गलत जानकारी दर्ज करना भी आईटीआर प्रोसेस की देरी का मुख्य कारण हो सकता है। वहीं अगर विभाग द्वारा रिटर्न को प्रोसेस नहीं किया जाता है तो करदाता को रिफंड मिलने में परेशानी आ सकती है।
आईटीआर प्रोसेसिंग स्टेटस को कैसे चेक करें
- सबसे पहले करदाताओं को इनकम टैक्स की वेबसाइट पर जाना होगा और ई-फाइलिंग पोर्टल पर क्लिक करना होगा।
- इसके बाद पैन नंबर, पासवर्ड समेत अपनी जरूरी जानकारी दर्ज करके लॉगिंन करें।
- ई-फ़ाइल” अनुभाग पर जाएं।
- आयकर रिटर्न” और “दायर रिटर्न देखें” चुनें।
- “प्रसंस्करण स्थिति” पर क्लिक करें।
- पोर्टल आपके आईटीआर के वर्तमान प्रसंस्करण चरण को प्रदर्शित करेगा।
कितने प्रकार के होते है आईटीआर स्टेटस
●ई- वेरिफाई लंबित- यह वह स्थिति है जब आपने अपना आईटीआर दाखिल कर दिया है, लेकिन इसे ई-सत्यापित नहीं किया है, या आपका विधिवत हस्ताक्षरित आईटीआर-वी अभी तक सीपीसी पर प्राप्त नहीं हुआ है।
●रिफंड लंबित – यह वह स्थिति है जब आपका रिटर्न ई- वेरिफाई भी हो गया है लेकिन अभी तक विभाग द्वारा आपको रिफंड नहीं भेजा गया है।