Income Tax News: कुछ लोगों द्वारा अपने सोशल मीडिया हैंडल पर आयकर नोटिस मिलने की शिकायत के बाद कई करदाता डर रहे है। आयकर विभाग हर उस व्यक्ति की जानकारी रखता है, जो इनकम टैक्स भरता है। बता दें कि टैक्स भरने वाले हर व्यक्ति को आईटीआर भरना अनिवार्य है। वहीं अगर आप इन नियमों का उल्लघंन करते है तो विभाग की तरफ से नोटिस जारी किया जा सकता है। चलिए आपको बताते है किस कारण से आयकर विभाग की तरफ से नोटिस दिया जाता है।
Income Tax News: बचत खाता में भारी नकदी जमा करने पर
यदि बचत खाता रखने वाला को भी व्यक्ति एक वित्त वर्ष में 10 लाख से अधिक नकद राशि जमा करता है, तो विभाग की तरफ से उस व्यक्ति को नोटिस जारी किया जा सकता है। कई कारकों के कारण विभाग एक वित्तीय वर्ष के भीतर 10 लाख रूपये से अधिक नकद जमा करने वाले खाताधारक को नोटिस जारी कर सकता है। (Income Tax News) इनमें से एक कारण विभाग का संदेह हो सकता है कि धन अवैध उत्पत्ति, जैसे मनी लॉन्ड्रिंग या कर चोरी से प्राप्त किया गया है। दूसरा कारण आतंकवाद या अन्य अवैध गतिविधियों के वित्तपोषण में धन की संभावित भागीदारी हो सकती है।
1 लाख से अधिक के क्रेडिट कार्ड बिल का नकद भुगतान
विभाग क्रेडिट कार्ड के माध्यम से किए गए सभी लेनदेन पर कड़ी निगरानी रखता है। यदि एक वित्तीय वर्ष के भीतर आपके क्रेडिट कार्ड बिल के लिए 1 लाख रूपये से अधिक का भुगतान नकद में किया जाता है, तो विभाग इन निधियों की उत्पत्ति के बारे में स्पष्टीकरण मांगने के लिए एक नोटिस जारी कर सकता है।
आपको बता दें कि इसके बाद विभाग भुगतान के लिए उपयोग की गई धनराशि की उत्तपत्ति की जांच शुरू करेगा। यदि विभाग स्पष्टीकरण को संतोषजनक मानता है तो कोई नोटिस नहीं भेजा जाएगा। (Income Tax News) यदि नही तो विभाग की तरफ से आपको नोटिस जारी किया जा सकता है।
Income Tax News: शेयर बाजार में भारी नकदी का प्रवाह
विभाग व्यक्तियों द्वारा शुरू किए गए सभी नकद निवेशों की सावधानीपूर्वक निगरानी करता है। (Income Tax News) यदि आपका नकद निवेश म्यूचुअल फंड, स्टॉक, बॉन्ड या डिबेंचर में एक वित्तीय वर्ष के भीतर 10 लाख रूपये से अधिक है, तो विभाग एक नोटिस जारी कर सकता है जिसमें इन फंडों की उत्पत्ति का लेखा-जोखा मांगा जाएगा।
रियल स्टेट में 30 लाख से अधिक का नकद लेनदेन
विभाग रियल एस्टेट लेनदेन में 30 लाख रूपये से अधिक के नकद लेनदेन में शामिल न होने की सलाह देता है। यह सावधानी नकद लेनदेन पर नजर रखने से उत्पन्न चुनौतियों के कारण है, जो संभावित रूप से मनी लॉन्ड्रिंग या कर चोरी की सुविधा प्रदान कर सकती है। वहीं विभाग की तरफ से करदाता को नोटिस जारी किया जा सकता है।