Monday, December 23, 2024
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Income Tax News: करदाता ध्यान दें! आईटीआर भरते समय भूल कर न करें ये 8 गलतियां नही तो होगा तगड़ा नुकसान; जानें डिटेल

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Income Tax News: अगर आप खुद इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने का मन बना रहे है। तो याद रहे कि आप टैक्स नियमों की बारीकियों को समझते हो। आपको अपने लिए उपलब्ध सभी कटौतियों और छूटों के बारे में पता होना चाहिए। कई करदाता रिटर्न भरते समय गलतियां कर देते है तो आयकर विभाग की तरफ से नोटिस मिल सकता है। चलिए आपको बताते है उन 8 गलतियों के बारे में जिससे आईटीआर भरते समय आपको बचना चाहिए।

फार्म 26एस और एआईएस (AIS) का सत्यापन नही करना

सबसे पहले टैक्स पोर्टल पर अपना फार्म 26एस और वार्षिक सूचना विवरण(AIS) जांचे। देखे कि सभी आय टीडीएस और टीसीएस भुगतान का उल्लेख किया गया है।

दूसरे आय को शामिल नही करना

शेयर बाजार में निवेश और बैंक एफडी से प्राप्त ब्याज, लाभांस और पूंजीगत लाभ की आय की जानकरी नही देना। अगर ऐसा करते है तो आयकर विभाग की तरफ से नोटिस आ सकता है।

पूंजीगत लाभ और हानि को शेयर नही करना

पूंजीगत लाभ की गणना के लिए कागजी कार्रवाई की कोई आवश्यकता नही होती है। पूंजीगत लाभ डिटेल के लिए ब्रोकर और म्यूअचुल फंड क्लियरिंग से जानकारी ले सकते है।

छूट का लाभ नही होना

आयकर की धारा 80(टीटीए) के तहत 10000 रूपये तक के बचत बैंक ब्याज के छूट के पात्र है। वहीं वरिष्ठ नागरिक को धारा 80(टीटीवी) के तहत 50000 रूपये की छूट मिलती है।

विदेशी आय और संपत्ति की सूचना नही देना

सभी विदेशी संपत्तियों की सूचना टैक्स रिटर्न में दी जानी चाहिए। इनमे विदेशी कंपनियों के शेयर, विदेशी कंपनियों से आय और यहां तक कि विदेशी बैंको खातों में पड़ी छोटी रकम भी शामिल है। ऐसा नही करने पर आयकर विभाग की तरफ से नोटिस मिल सकता है।

नुकसान की सूचना नही देना

आयकर रिटर्न में फंड, स्टॉक, एफएंडओ आदि से होने वाले नुकसान को अन्य लाभ के मुकाबले समायोजित किया जाता है। असमायोजित घाटे को 8 वित्तीय वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है। बहुत सारे करदाता यह जानकारी नही देते है।

डिडक्शन पर छूट नही मिलना

हेल्थ इंश्योरेंस पर आयकर की 80डी के तहल 5000 रूपये तक की कर कटौती का लाभ मिलता है। वरिष्ठ नागरिकों को भी यह लाभ दिया जाता है। कुछ बीमारियों और विकलांगताओं पर भी कर कटौती मिलता है।

क्लबिंग को नजरअंदाज न करें

18 साल से कम उम्र के बच्चे के नाम पर निवेश से होने वाली आय को माता- पिता की आय के साथ जोड़ दिया जाता है। जीवन साथी को उपहार में दिए गए धन से होने वाली आय को भी देने वाले की आय के साथ जोड़ा जाना चाहिए।

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