Home बिज़नेस Income Tax News: करदाता ध्यान दें! आयकर विभाग ने बच्चों की कमाई...

Income Tax News: करदाता ध्यान दें! आयकर विभाग ने बच्चों की कमाई को लेकर जारी किया निर्देश, जानें कितना देना होगा टैक्स

Income Tax News: आईटीआर दाखिल करनी की समय सीमा जल्द समाप्त होने वाली है। कई करदाताओं ने तो आईटीआर दाखिल भी कर दिया है।

0
Income Tax News
Income Tax News

Income Tax News: आईटीआर दाखिल करनी की समय सीमा जल्द समाप्त होने वाली है। कई करदाताओं ने तो आईटीआर दाखिल भी कर दिया है। गौरतलब है कि आईटीआर दाखिल करने की अंतिम तारीख 31 जुलाई 2024 है। वहीं अब आयकर विभाग ने बच्चों की कमाई को लेकर करदाताओं को दिशा नर्देश जारी किया है। छोटी ही उम्र से कई बच्चे पैसा कमाना शुरू कर देते है जैसे कंटेंट क्रिएशन, टैलेंट शो आदि से पैसा कमाते है। लेकिन क्या आपको पता है कि बच्चों की कमाई पर भी टैक्स देना होता है। चलिए आपको बताते है इससे जुड़ी सभी जानकारी।

दो तरीको से आंकी जाती है बच्चों की इनकम

एक नाबालिग की दो प्रकार की आय हो सकती है। पहली अर्जित आय, जो उसने स्वयं अर्जित की है और दूसरी वह आय, जो उसने अर्जित नहीं की है लेकिन बच्चे के पास अभी भी मालिकाना हक है। अगर बच्चा किसी प्रतियोगिता या रियलिटी शो के जरिए, सोशल मीडिया के जरिए या किसी अन्य तरीके से कमाई करता है तो यह उसकी अर्जित आय मानी जाती है। लेकिन अगर बच्चे को किसी से उपहार के रूप में कोई संपत्ति, जमीन, जायदाद आदि मिलती है तो यह उसकी अनर्जित आय मानी जाती है। अगर माता-पिता बच्चे के नाम पर कोई निवेश करते हैं और उस पर मिलने वाला ब्याज भी बच्चे की अनर्जित आय माना जाता है।

बच्चों की आय को लेकर क्या है नियम?

आयकर अधिनियम की धारा 64 (1ए) के अनुसार अगर कोई नाबालिग कमाता है तो उसे टैक्स नहीं देना होता है। उसकी आय उसके माता-पिता की आय में जोड़ी जाती है। फिर माता-पिता को कुल आय पर निर्धारित टैक्स स्लैब के अनुसार टैक्स देना होता।

माता पिता को भरना होगा टैक्स

आयकर विभाग के कानून के अनुसार अगर कोई नाबालिग किसी भी प्रकार के स्त्रोत से आय अर्जित करता है तो नाबालिग को टैक्स नहीं देना होता है। नियम के अनुसार नाबालिग के कमाई के अनुसार जो भी टैक्स स्लैब मान्य होगा उसके तहत उनके माता या पिता को टैक्स देना होगा यानि माता पिता की आय में ही बच्चों की आय जुड़ जाएगी। धारा 10(32) के तहत, एक बच्चे की प्रति वर्ष 1500 रुपये तक की आय को कर से छूट दी गई है। इससे ऊपर की आय को धारा 64(1ए) के तहत माता-पिता की आय के साथ जोड़ दिया जाता है।

Exit mobile version