Income Tax News: भारत में नौकरीपेशा लोगों के लिए जनवरी महीना बेहद अहम है। इस महीने में कंपनी अपने कर्मचारियों से निवेश का सबूत मांगती है। जैसे एलआईसी, ईलएसएस, अन्य टैक्स बचत योजना ट्यूशन फीस रसीदों या किराए के रूप में रसीदें हो सकती है। गौरतलब है कि इन दस्तावेजों के आधार पर कंपनी आपके टैक्स की गणना करती है। हालांकि टैक्स बचाने के लिए लोग गलत दस्तावेज भी देते है।
फर्जी रेंट एग्रीमेंट देने पर होगी कार्यवाही
निवेश प्रमाण पत्र देते समय कुए लोग अधिक टैक्स बचाने के लिए फर्जी रेंट एग्रीमेंट और किराए की रशीदें जमा कर देते है। अगर आप भी कुछ ऐसा करने की सोच रहे है तो हो जाएं सावधान क्योकि आयकर विभाग आपको पकड़ सकता है। बहुत सालों से लोग ऐसा करके टैक्स बचाते आ रहें है।
क्या करता है आयकर विभाग
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के युग में आयकर विभाग भी एआई की मदद से फर्जी रेट एग्रीमेंट का पता लगा रहा है। इसके लिए एआईएस फार्म और फार्म 26एएस का फार्म-16 से मिलान किया जाता है। आपको बता दें कि इन फॉर्मस में पैन कार्ड से जुड़ी सभी डिटेल शामिल होती है। जब कोई करदाता किराए की रशीद के जारिए हाउस रेंट अलाउंस का दावा करता है तो आयकर विभाग इन फार्मो से उनके दावे का मिलान करता है और अगर उन्हें कोई अंतर मिलता है तो वह सतर्क हो जाते है।
लोग HRA(हाउस रेंट अलाउंस) नियम का उल्लंघन क्यो करते है?
दरअसल इसके जरिए काफी टैक्स बचाया जा सकता है। मान लिजिए कि आपने अपने घर का किराया 20000 रूपये प्रति महीना यानि 2.4 लाख सालाना दिखाया है तो इस राशि पर सीधे आपको टैक्स नही लगेगा। हालांकि यह तभी हो पाएगा जब कंपनी से कम से कम 2.40 लाख रूपये का एचआरए मिल रहा हो। अगर आप इससे कम किराया चुका रहे है तो आपको पूरे पर क्लेम नहीं मिलेगा।
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