Income Tax News: आईटीआर दाखिल करने की प्रक्रिया अब समाप्त हो चुकी है। मालूम हो कि आईटीआर दाखिल करने की अंतिम तारीख 31 जुलाई 2024 है। हालांकि कई करदाता अभी भी आईटीआर दाखिल कर सकते है लेकिन विभाग द्वारा उनपर जुर्माना लगाया जाएगा। मालूम हो कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 23 जुलाई 2024 को आम बजट पेश किया था। टैक्सपेयर्स को भी इस बजट में भी किसी प्रकार की राहत नहीं मिली है। हालांकि न्यू टैक्स रिजीम में स्टैंडर्ड डिडक्शन 50000 से बढ़ाकर 75000 हजार तक दिया गया है। करदाताओं के मन में सबसे बड़ा सवाल होता है कि आखिर वह किसी प्रकार से अपना टैक्स बचा सकते है। आज हम इस लेख के माध्यम से आपको बताएंगे उन 7 तरीकों के बारे में जिससे टैक्सरपेयर्स अपना टैक्स बचा सकते है (Income Tax News)।
इन 7 तरीकों से बचा सकते है अपना टैक्स
●आयकर विभाग की धारा 80 सी के तहत टैक्स छूट में लाभ – आयकर अधिनियम की धारा 80 सी के तहत करदाता 1.5 लाख रूपये तक का टैक्स बचा सकते है। करदाता, पीपीएफ, एनएससी, एसएसवाई समेत कई सरकार योजना में अपनी पत्नी के नाम से निवेश करके 1.5 लाख रूपये तक का टैक्स बचा सकते है।
●हेल्थ इंश्योरेंस पर टैक्स छूट- करदाता हेल्थ इंश्योरेंस अपनी पत्नी के नाम पर लेने पर अपनी वार्षिक कर योग्य आय के हिस्से के लिए धारा 80डी के तहत कर कटौती का दावा कर सकते हैं। इसके तहत टैक्सपेयर्स 25000 रूपये तक टैक्स कटौती का दावा कर सकते है।
●होम लोन पर टैक्स छूट- होम लोन के ब्याज पर भी करदाता को 2 लाख रूपये तक टैक्स छूट का लाभ मिलता है।
●नेशनल पेंशन सिस्टम- नेशनल पेंशन सिस्टम यानि एनपीएस के तहत करदाता सालाना 50 हजार रूपये तक निवेश करते है तो वह सेक्शन 80सीसीडी(1बी) के तहत के तहत 50 हजार रूपये तक टैक्स छूट ता लाभ ले सकते है।
●पत्नी के नाम पर एजुकेशन लोन – अगर आप अपनी पत्नी के नाम पर एजुकेशन लोन लेते है तो उसपर आयकर विभाग की धारी 80ई के तहत टैक्स छूट का लाभ 8 सालों तक ले सकते है।
●ज्वाइंट होम लोन लेने पर टैक्स में छूट – अगर पति- पत्नी ज्वाइंट होम लोन लेते है तो आयकर विभाग की तरफ से उन्हें टैक्स छूट का लाभ मिलता है।
●शेयर मार्केट में निवेश- शेयर मार्केट में लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट करते हैं तो कैपिटल गेन पर 1 लाख रुपए तक पर टैक्स छूट मिलती होगी। अगर आपकी पत्नी की कमाई कम है या वह हाउस वाइफ हैं, तो उनके नाम पर शेयर बाजार में निवेश कर सकते हैं।
ओल्ड- न्यू टैक्स रिजीम का कर सकते है चयन
गौरतलब है कि केंद्र सरकार द्वारा करदाताओं को 2 विकल्प दिए गए है, ओल्ड टैक्स रिजीम और न्यू टैक्स रिजीम दोनों के अपने – अपने फायदे है टैक्सपेयर्स अपने हिसाब से रिजीम का चयन कर सकते है।