Income Tax News: इनकम टैक्स के नियमों के मुताबिक अगर टैक्स कटौती और टैक्स छूट का सही से इस्तेमाल किया जाए तो टैक्स बचाया जा सकता है। आजकल सभी चाहते है टैक्स बचाना जिसके लिए करदाता तरह तरह के इन्वेस्टमेंट करते है। नया साल शुरू हो गया है साथ ही नई वित्तीय योजना बनाने का समय है। अगर आपकी भी सालाना आय 12 लाख या उससे ज्यादा हो तो आपको एक रूपया भी टैक्स नही लगेगा।
सैलरी स्ट्रक्चर में क्या क्या रखें
सैलरी स्ट्रक्चर के बदलने का आप्शन आपके हाथ में होता है। वहीं आप कंपनी के एचआर से भी रिक्वेस्ट कर सकते है। रीइम्बर्समेंट के अलग अलग टूल हो सकते है जिसके माध्यम से आप टैक्स बचा सकते है। जैसे LTA, एंटरटेनमेंट, ब्रॉडबैड बिल, पेट्रोल, बिल्स और फूड-कूपंस शामिल है।
एचआरए(HRA) में ऐसे मिलता है लाभ
कंपनी की तरफ से सैलरी में मिलने वाला एचआरए मेट्रों और नॉन मेट्रों शहरों के हिसाब से मिलता है। मेट्रों शहर में बेसिक सैलरी का 50 प्रतिशत और नॉन मेट्रों शहर में 40 प्रतिशत की बेसिक सैलरी पर छूट मिलता है। कुल रेट में बैसिक सैलरी में 10 फीसदी घटाने के बाद जो राशि बचती है उसपर एचआरए क्लेम किया जा सकता है।
लीव ट्रैवल अलाउंस
लीव ट्रैवल अलाउंस 4 साल में दो बार लिया जा सकता है। इसमे ट्रैवल प्लान किराया भी शामिल होता है। यह आपके सैलरी का 10 प्रतिशत होता है। 6 लाख रूपये की बैसिक सैलरी पर 60 हजार रूपये पर टैक्स छूट ली जा सकती है।
रीइम्बर्समेंट का कैसे मिलेगा फायदा
ब्रॉडबैड बिल– ब्रॉडबैड बिल पर टैक्स में छूट मिलती है। इसके लिए हर महीने 700 से 1000 रूपये बतौर अलाउंस मिलते है। अगर साल की बात करें तो 12000 रूपये तक की टैक्स में बचत कर सकते है।
एंटरटेनमेंट अलाउंस– एंटरटेनमेंट बिल दिखाकर इसे क्लेम कर सकते हैं 12 लाख तक की सैलरी वालों को हर महीने 2000 रूपये यानि 24 हजार रूपये तक नॉन टैक्सेबल होंगे।
यूनीफॉर्म, बुक्स या पेट्रोल बिल्स– अलग-अलग कंपनियां यूनीफॉर्म, पेट्रोल या फिर बुक्स बिल के नाम पर रीइम्बर्समेंट देती हैं। हर महीने 1000 रूपये रीइम्बर्समेंट को तौर पर लेने से सालाना 12 हजार रूपये नॉन टैक्सेबल कैटेगरी में आ जाएंगे।
इनकम टैक्स पर डिडक्शन मिलता है
बेसिक इनकम छूट-2.5 लाख रुपए तक की सैलरी को इनकम टैक्स के नियमों में नॉन-टैक्सेबल रखा गया है।
स्टैंडर्ड डिडक्शन- सबसे पहले 50 हजार रुपए का स्टैंडर्ड डिडक्शन मिलेगा. मतलब आपकी जितनी भी सैलरी हो, उसमें से 50 हजार रुपए कम कर दीजिए।
सेक्शन 80C – इसमें EPF, PPF, सुकन्या समृद्धि योजना, NPS, बच्चे की ट्यूशन फीस, LIC, होम लोन प्रिंसिपल जैसे टूल्स आते हैं जिसमे अधिकतम 150000 का डिडक्शन क्लेम कर सकते है ।
सेक्शन 80CCD(1B) – इसमें NPS में अतिरिक्त 50 हजार रुपए के निवेश का फायदा मिलता है।
सेक्शन 80D– हेल्थ इंश्योरेंस लेकर 25 हजार रुपए तक टैक्स बचा सकते हैं. इसके अलावा पैरेंट्स के हेल्थ इंश्योरेंस पर भी 25 हजार रुपए तक टैक्स छूट ले सकते हैं।
कुल सालाना सैलरी 12 लाख रुपए है इसमें से 7 लाख रुपए पर टैक्स नहीं लगेगा अगर आप ऊपर दिए गए सारे स्टेप फॉलो करते है तो इसमें से 7 लाख रुपए पर टैक्स नहीं लगेगा साथ ही टैक्सेबल सैलरी 5 लाख रुपए से कम है तो सेक्शन 87A के तहत रिबेट पर मिलेगी। वहीं आप 12 लाख की आय पर 100 प्रतिशत का टैक्स बचा सकते है।
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