Income Tax News: वित्त मंत्रालय की केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) द्वारा एक सराहनीय पहल की शुरुआत की गई है। सीबीडीटी ने बड़ा कदम उठाते हुए आज दशकों पुराने आयकर (आईटी) अधिनियम (Income Tax Act 1961) की समीक्षा के लिए लोगों से सुझाव आमंत्रित किए हैं। सीबीडीटी के इस कदम से लोगों के मन में कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। दावा किया जा रहा है कि केन्द्र सरकार आगामी दिनों में करदाताओं (Taxpayers) को बड़ी राहत दे सकती है। हालाकि इसको लेकर अभी आयकर विभाग (Income Tax News) किसी तरह की आधिकारिक जानकारी सामने नहीं आई है।
CBDT ने चार श्रेणियों में मांगे सुझाव
वित्त मंत्रालय की केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने आयकर (आईटी) अधिनियम (Income Tax Act 1961) की समीक्षा के लिए लोगों से चार श्रेणियों में सुझाव आमंत्रित किए हैं। इसमें प्रमुख रूप से भाषा का सरलीकरण, कानूनी विवाद, अनुपालन में कमी तथा अनावश्यक/पुराने पड़ चुके प्रावधान जैसी श्रेणियां शामिल हैं। दावा किया जा रहा है कि करदाताओं की सुझाव के आधार पर केन्द्र आयकर (आईटी) अधिनियम 1961 में संशोधन कर संसद के आगामी बजट सत्र में इसे पेश कर सकता है।
CBDT को कैसे भेजें सुझाव?
केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) को सुझाव भेजना बेहद सरल है। इसके लिए वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) के आयकर विभाग की ओर से एक खास पोर्टल (https://eportal.incometax.gov.in/iec/foservices/#/login) की शुरुआत की गई है। करदाता आयकर (आईटी) अधिनियम (Income Tax Act 1961) की समीक्षा के लिए अपना सुझाव देने के लिए इस पोर्टल (E-Portal) पर जाकर मोबाइल नंबर दर्ज कर और ओटीपी के माध्यम से लॉगइन करें और अपने सुझाव भेंजे। केन्द्र की ओर से आपके बहुमूल्य सुझाव लिए जाएंगे और इस पर समीक्षा कर आवश्यकतानुसार बदलाव किए जाने की संभावना है।
लोगों की राय का महत्व क्या है?
आयकर विभाग द्वारा मौजूदा कर कानून (Income Tax Act 1961) की समीक्षा के लिए लोगों की राय आमंत्रित की गई है। ये बेहद महत्वपूर्ण है। आयकर विभाग (Income Tax Department) का मानना है कि दशकों से चले आ रहे इस कर कानून को अब सरल करने की जरूरत है। कानून की जटिलता के कारण करदाताओं (Taxpayers) को मुकदमेबाजी व अन्य तमाम तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में भाषा का सरलीकरण, कानूनी विवाद, अनुपालन में कमी तथा अनावश्यक/पुराने पड़ चुके प्रावधान जैसी श्रेणियों में बदलाव कर आयकर विभाग कानून को और सरल बनाना चाहता है जिसके लिए लोगों की राय जरूरी है।