Monday, December 23, 2024
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Income Tax News: खुशखबरी! 10 विकल्प जो दिला सकते है धारा 80सी के तहत बड़ी टैक्स में छूट, जानें पूरी डिटेल

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Income Tax News: आयकर अधिनियम की धारा 80सी के तहत कई विकल्प हैं जिनमें निवेश के जरिए आप 1.5 लाख रुपये तक की रकम पर टैक्स बचा सकते हैं। चलिए आपको बताते है कि कुछ लोकप्रिय निवेश उत्पादों के बारे में बात करते हैं, जिनमें निवेश करने पर आपको धारा 80सी के तहत टैक्स बचत का लाभ मिलता है।

पीपीएफ (public provident fund)

अपने पति या पत्नी या बच्चों के नाम पर बैंक या डाकघर में खोले गए पीपीएफ खाते में निवेश करना। अगर आप अपने माता-पिता या भाई-बहन के खाते में पीपीएफ में निवेश करते हैं तो आपको कोई टैक्स लाभ नहीं मिलता है।पीपीएफ खाता खुलने के 15 वर्ष में परिपक्व होता है। इसका मतलब यह है कि निवेश के समय कर लाभ, ब्याज पर कर लाभ और परिपक्वता पर राशि निकालने पर भी कर छूट मिलती है।

Income Tax News: ईपीएफ या वीपीएफ

अगर आप वेतनभोगी कर्मचारी हैं तो आप पहले से ही इस निवेश विकल्प (पीएफ) में निवेश कर रहे हैं। हर महीने आपकी सैलरी मिलने से पहले ही रकम आपके ईपीएफ खाते में जमा हो जाती है।
यहां ध्यान रखने वाली बात यह है कि ईपीएफ में केवल आपका योगदान ही धारा 80सी के तहत कर छूट के लिए पात्र है। आपके नियोक्ता द्वारा आपके ईपीएफ खाते में किए गए योगदान पर कोई आयकर लाभ नहीं है।

पांच वर्षीय बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट

इस निवेश विकल्प को आम तौर पर इनकम टैक्स सेविंग फिक्स्ड डिपॉजिट के नाम से जाना जाता है। इस फिक्स्ड डिपॉजिट की अवधि 5 साल है। इसका मतलब यह है कि आप ऐसी सावधि जमा में अपना निवेश पांच साल से पहले भुना नहीं सकते हैं। इस पर मिलने वाले ब्याज पर इनकम टैक्स देना होता है।

पोस्ट ऑफिस में 5 साल की जमा राशि

धारा 80सी के तहत उनका आयकर बचत उत्पाद बैंक सावधि जमा के समान है। अगर आप इसे निवेश के 5 साल के भीतर भुना लेते हैं तो इस पर मिलने वाला आयकर लाभ वापस ले लिया जाएगा। ऐसी जमाओं पर ब्याज दर हर तिमाही वित्त मंत्रालय द्वारा तय की जाती है।

सीनियर सीटिजन बचत योजना

इस योजना में केवल वरिष्ठ नागरिक ही निवेश कर सकते हैं। इसकी परिपक्वता अवधि पांच वर्ष है। सेक्शन 80सी के तहत टैक्स बचत के इस विकल्प में भी रकम की आंशिक निकासी की इजाजत नहीं है। हालांकि, आप कुछ जुर्माना देकर पांच साल से पहले खाता बंद कर सकते हैं। एससीएसएस में निवेश समय से पहले बंद करने पर आपको मिलने वाले सभी आयकर लाभ वापस ले लिए जाएंगे।

दो बच्चों की ट्यूशन फीस पर राहत

आप दो बच्चों की स्कूल/कॉलेज ट्यूशन फीस पर धारा 80सी के तहत कर लाभ भी प्राप्त कर सकते हैं। यदि आपके दो से अधिक बच्चे हैं, तो आप किन्हीं दो बच्चों के लिए यह दावा कर सकते हैं। इसके लिए शर्त यह है कि फीस का भुगतान भारत में स्थित किसी विश्वविद्यालय, कॉलेज, स्कूल या अन्य शैक्षणिक संस्थान को किया जाना चाहिए।

राष्ट्रीय पेंशन योजना (NPS) या अटल पेंशन योजना (APY) सेक्शन 80CCD

निवेश की यह प्रक्रिया थोड़ा कठिन है। यदि आप सेक्शन 80CCD (1) के तहत एनपीएस में सालाना 1.5 लाख रुपये तक का निवेश करते हैं तो यह सेक्शन 80C के तहत मिलने वाले लाभ में शामिल है। हां, यदि आप NPS में सेक्शन 80CCD(1B) के तहत सालाना 50 हजार रुपये तक का निवेश करते हैं तो यह इनकम टैक्स कानून के सेक्शन 80C से अलग है।

इंश्योरेंस प्रीमियम

इसके लिए चुकाई गई प्रीमियम की रकम पर आप इनकम टैक्स कानून के सेक्शन 80सी के तहत टैक्स छूट का लाभ प्राप्त कर सकते हैं। इंश्योरेंस प्लान असल में बहुत मामूली प्रीमियम पर काफी अधिक जीवन बीमा कवर खरीदने का मौका देता है। सेक्शन 80C के तहत टैक्स लाभ लेने के लिए आपको हर साल नया प्लान लेने की जरूरत नहीं है। एक पॉलिसी में सालाना आपका रिन्यूअल प्रीमियम भी सेक्शन 80C के तहत छूट पाने योग्य है।

टैक्स सेविंग्स फिक्स्ड डिपॉजिट

टैक्स बचाने के लिए टैक्स सेविंग्स फिक्स्ड डिपॉजिट निवेश का बढ़िया माध्यम है। आयकर अधिनियम के सेक्शन 80C के तहत टैक्स सेविंग्स फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) पर इनकम टैक्स बेनिफिट मिलता है। टैक्स सेविंग्स एफडी में निवेश कर 1.5 लाख रुपये तक टैक्स छूट पाई जा सकती है।

सुकन्या समृद्धि अकाउंट

सुकन्या समृद्धि योजना के तहत किसी गर्ल चाइल्ड के जन्म लेने के बाद से 10 साल से पहले की उम्र में कम से कम 250 रुपये जमा करके अकाउंट खोला जा सकता है। चालू वित्त वर्ष में इसके तहत अधिकतम 1.5 लाख रुपये जमा कराए जा सकते हैं। सुकन्या समृद्धि योजना का खाता देश के किसी भी हिस्से में ट्रांसफर कराया जा सकता है। सुकन्या समृद्धि योजना के तहत खुलने वाले खातों को टैक्स से छूट मिलती है।

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