Income Tax News: वित्त मंत्रालय के केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने करदाताओं के लिए बड़ी खुशखबरी दी है! बता दें कि वित्तीय वर्ष 2024-2025 के लिए लागत मुद्रास्फीति सूचकांक (सीआईआई), जो मूल्यांकन वर्ष 2025-2026 के लिए प्रासंगिक है, जारी कर दिया गया है। बता दें कि रियल एस्टेट, स्टॉक और आभूषण जैसी संपत्तियों पर दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ कर का निर्धारण करते समय इंडेक्स काफी महत्वपूर्ण साबित होता है। चलिए आपको बताते है इसके बारे में सारी जानकारी।
कॉस्ट इंफ्लेशन इंडेक्स क्या होता है?
आयकर विभाग कॉस्ट इंफ्लेशन इंडेक्स को शामिल करने की एक विधि के रूप में सीआईआई का उपयोग करता है। यह समायोजन सुनिश्चित करता है कि आप केवल अपनी वास्तविक कमाई पर कर का भुगतान करें, न कि केवल मुद्रास्फीति-समायोजित वृद्धि पर, क्योंकि कीमतें आम तौर पर समय के साथ बढ़ती हैं।
कॉस्ट इंफ्लेशन इंडेक्स से करदाता को कैसे मिलेगा लाभ
सीआईआई अनिवार्य रूप से मुद्रास्फीति को ध्यान में रखते हुए आपके दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ को कम करता है। बाद में आपकी कर योग्य आय कम हो जाती है, जिसके परिणामस्वरूप कर दायित्व कम हो सकता है।
एक साल पहले 348 था सीआईआई
आपको बता दें कि आयकर विभाग द्वारा जारी जारी आंकड़े के अनुसार इस बार सीआईआई 363 है। इससे पहले साल 2023-24 के लिए सीआईआई 348 था। वहीं, 2022-23 में यह 331 था। दरअसल, साल दर साल जैसे-जैसे चीजों के दाम बढ़ते हैं।