Income Tax News: आज के समय में काफी लोग निवेश के लिए म्यूचुअल फंड को चुन रहे हैं। बीते कुछ सालों में म्यूचुअल फंड में एसआईपी यानी सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान के जरिए होने वाले निवेश में वृद्दि हुई है। अगर आप भी म्यूचुअल फंड में पैसा लगाते हैं या फिर निवेश करने की सोच रहे हैं तो पहले जान लें कि इसमें कितना टैक्स लगता है। म्यूचुअल फंड से होने वाली इनकम (Income Tax News) पर आयकर विभाग के नियम क्या कहते हैं। आइए जानते हैं-
म्यूचुअल फंड से होने वाली इनकम टैक्स के दायरे में आती है। इस पर कैपिटल गेन टैक्स देना होता है। इसमें आपको कितना टैक्स देना होगा, ये इस बात पर निर्भर करता है कि आपका होल्डिंग टाइम और फंड की कैटेगरी कौन सी है।
इक्विटी ओरिएंटेड म्यूचुअल फंड पर टैक्स
म्यूचुअल फंड की श्रेणी में सबसे अहम कैटेगरी है इक्विटी ओरिएंटेड म्यूचुअल फंड। इनकम टैक्स के नियम के मुताबिक, 65 फीसदी या उससे अधिक का निवेश ऐसे कंपनियों में करती हैं, जो कि भारत में लिस्टिड कंपनियां हैं तो ऐसे में उन्हें इक्विटी ओरिएंटेड म्यूचुअल फंड कहते हैं। उस फंड से पैसा निकालने पर शेयर्स की तरह ही टैक्स चुकाना होगा।
दोनों तरह के कैपिटल गेन में टैक्स
अगर कोई एक साल से कम अवधि के लिए इक्विटी म्यूचुअल फंड में निवेश करता है तो उसे शॉर्ट टर्म निवेश कहते हैं। ऐसे में होने वाली इनकम पर 15 फीसदी का टैक्स बनता है। वहीं, 12 महीने से अधिक समय तक इक्विटी म्यूचुअल फंड में पैसा लगाने के बाद उसे निकालने पर लॉर्ग टर्म कैपिटल गेन लगता है। इस पर 10 फीसदी का भुगतान करना होगा।
डेट म्यूचुअल फंड की डिटेल
फाइनेंस एक्ट 2023 के मुताबिक, म्यूचुअल फंड से जुड़े नियमों में बदलाव किया गया है। इस श्रेणी में वो सभी कंपनियां आती हैं, जिन्होंने भारतीय कंपनी की इक्विटी में 35 फीसदी से कम निवेश किया है। इसमें डेट म्यूचुअल फंड, गोल्ड, सिल्वर और विदेशी म्यूचुअल फंड शामिल है।
इसका मिल सकता है लाभ
अगर आपने 31 मार्च 2023 या उससे पहले निवेश किया है तो इंडेक्सेशन का लाभ उठाया जा सकता है। अगर डेट फंड की यूनिट को 3 साल रखने के बाद उसे बेचा जाता है तो उस पर लॉन्ग टर्म कैपिल गेन के तहत 20 फीसदी की दर से टैक्स देना होगा।
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