Income Tax News: देश में जल्द ही अंतरिम बजट (Budget) पेश किया जाएगा। केंद्रीय वित्त मंत्री 1 फरवरी को बजट पेश करने वाली हैं। ऐसे में हर किसी की निगाह अब इस बार के बजट पर ही है। कारोबारियों से लेकर नौकरी करने वाले कर्मचारियों को इस बार के बजट से काफी उम्मीद हैं। ऐसे में इनकम टैक्स (Income Tax) रिटर्न को लेकर एक बड़ी जानकारी सामने आई है। बताया गया है कि अनिवासी भारतीय (NRI) से भारत में बिताए गए सही दिनों की जानकारी देने को कहा गया है। नीचे जानिए पूरी डिटेल।
हाई लेनदेन वेरिफाई करने की सलाह
दरअसल एनआरआई को सलाह दी गई है कि वित्त वर्ष 2022-23 में किए गए हाई लेनदेन को वेरिफाई करने और रिटर्न दाखिल न करने वाले व्यक्तों को संबोधित करने को कहा है। इसके लिए नोटिस जारी किए गए हैं।
कई मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि जिन एनआरआई ने विदेशी मुद्रा अनिवासी खाता (एफसीएनआर) और/या एनआरई/एनआरओ जमा खोला है, उन्हें भी ये सूचनाएं प्राप्त हुई हैं। वहीं, कुछ नोटिस 2014-15 से 2022-23 तक है।
जानिए आयकर का नियम
आयकर अधिनियम 1961 की धाराओं के अनुसार, एनआरआई को कानून के तहत विदेशी कमाई पर कर का भुगतान करने या विदेशी संपत्ति घोषित करने की आवश्यकता नहीं है। मगर वे अधिक समय तक रुकते हैं तो भारत में एक वर्ष में 181 दिन से अधिक समय बिताते हैं तो उन पर निवासियों से संबंधित कर और प्रकटीकरण नियम लागू होते हैं।
यहां पर आपको बता दें कि ये कुछ मामलों में 120 दिन है। जहां वित्तीय वर्ष के दौरान आने वाले व्यक्तियों की कुल आय (विदेशी स्रोत आय को छोड़कर) 15 लाख रुपये से अधिक है।
NRI के लिए टैक्स के नियम
आयकर के नियम के मुताबिक, देश में एक एनआरआई की आयकर की देनदारी वाले साल के लिए उनकी आवासीय कंडीशन से तय होती है। एनआरआई को अपना इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करते समय फाइनेंशियल ईयर के दौरान रहने की समय के आधार पर देश में आवासीय कंडीशन की निर्धारत करने की जरूरत होती है।
क्या करना है टैक्स रिटर्न फाइल?
यहां पर पुरानी टैक्स व्यवस्था के तहत एनआरआई की कुल आय किसी भी कटौती या छूट से पहले ढाई लाख रुपये या नई टैक्स व्यवस्था के तहत 3 लाख रुपये की बेसिक छूट से अधिक है तो उन्हें अगले वित्त वर्ष 31 जुलाई तक पूरे तरीके के साथ टैक्स रिटर्न फाइल करना होगा।
NRI को कौन सी इनकम पर टैक्स देना होगा
- देश में रहने के दौरान दी जाने वाली किसी सर्विस के बदले मिलने वाले वेतन पर टैक्स देना होता है।
- देश में आवासीय संपत्ति से आय, चाहे संपत्ति खाली हो या फिर किराए पर हो।
- देश में संपत्ति या संपत्ति के ट्रांसफर से होने वाला कोई भी पूंजीगत लाभ टैक्स के दायरे में आता है।
- देश के बैंकों के सेविंग अकाउंट में जमा पैसा और एफडी से होने वाली इनकम पर टैक्स देना होता है।
- एनआओ खातों पर ब्याज, हालांकि, एनआरआई और एफसीएनआर (विदेशी मुद्रा अनिवासी) खातों पर ब्याज टैक्स फ्री है।
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