Saturday, October 19, 2024
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Income Tax News: ध्यान दें! क्या ITR दाखिल नहीं करने पर करदाताओं को मिल सकता है टैक्स रिफंड? जानें इससे जुड़े कुछ नियम

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Income Tax News: CBDT की खास पहल! आयकर अधिनियम की समीक्षा के लिए मांगे गए सुझाव; क्या करदाताओं को मिलेगी राहत?

Income Tax News: वित्त मंत्रालय की केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) द्वारा एक सराहनीय पहल की शुरुआत की गई है। सीबीडीटी ने बड़ा कदम उठाते हुए आज दशकों पुराने आयकर (आईटी) अधिनियम (Income Tax Act 1961) की समीक्षा के लिए लोगों से सुझाव आमंत्रित किए हैं।

Income Tax News: आईटीआर दाखिल करने की प्रक्रिया अब खत्म हो चुकी है। गौरतलब है कि आईटीआर दाखिल करने की अंतिम तीरीख 31 जुलाई 2024 थी। आयकर विभाग द्वारा दी जानकारी के अनुसार 7 करोड़ से अधिक करदाताओं ने इस बार आईटीआर दाखिल किया है। करदाताओं को सलाह दी जाती है कि वे असत्यापित आयकर रिटर्न (आईटीआर) दाखिल करने के 30 दिनों के भीतर सत्यापित करें। आईटीआर दाखिल करने के बाद आईटीआर रिफंड का इंतजार कर रहे है। चलिए आपको बताते है टैक्स रिफंड से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण नियम।

किसे मिलता है आयकर रिफंड?

एक करदाता तब आयकर रिफंड के लिए पात्र होता है जब भुगतान किया गया कर उसकी कर देनदारी से अधिक हो जाता है। इसमें स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस), स्रोत पर एकत्रित कर (टीसीएस), साथ ही अग्रिम कर और स्व-मूल्यांकन कर का भुगतान शामिल होता है। करदाता के खाते में रिफंड जमा होने में 4 से 5 सप्ताह का समय लगता है।

समय सीमा खत्म होने के बाद आईटीआर के लिए क्लेम कैसे करें

गौरतलब है कि रिफंड के लिए करदाताओं के लिए आईटीआर दाखिल करना होता है। वहीं अगर कोई करदाता किसी कारण से 31 जुलाई तक आईटीआर दाखिल नहीं कर पाए है तो सर्कुलर संख्या 9/2015 के अनुसार, आप अभी भी छह मूल्यांकन वर्षों तक अपने रिफंड का दावा कर सकते हैं। इस परिपत्र के तहत रिफंड का दावा करने के लिए आपको पहले देरी की माफी के लिए आवेदन करना होगा। एक बार मंजूरी मिलने के बाद, आप माफी देने वाले आदेश का संदर्भ लेते हुए, पिछले छह वर्षों के लिए अपना आईटीआर ऑनलाइन दाखिल कर सकते हैं।

रिफंड रूकने पर कैसे करें शिकायत

यदि आपका रिफंड गलत तरीके से समायोजित किया गया है, तो आप अपने खाते में लॉग इन करके आयकर वेबसाइट पर शिकायत दर्ज कर सकते हैं। जबकि विभाग पिछली मांगों के लिए रिफंड को समायोजित कर सकता है। गौरतलब है कि आयकर विभाग की तरफ से आईटीआर में गलती के कारण रिफंड को रोक दिया जाता है।

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